चण्डीगढ़, 05 फरवरी। पंजाब चुनाव में दूसरी पार्टियां अपनी रणनीती को अंजाम देने में जुटी है, जबकि कांग्रेस में आंतरिक महाभारत अपने चरम पर पहुंच चुका है। लुधियाना में छह फरवरी को प्रस्तावित कांग्रेस की रैली में पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री उम्मीदवार के नाम की घोषणा हो सकती है। यद्यपि विरोध के स्वर तो प्रारंभ से ही उठ रहे हैं, किंतु नाम की घोषणा में कांग्रेस यदि कोई सर्वसम्मत फारमूला नहीं तलाश सकी तो आने वाले चुनाव में कांग्रेस को बड़ी हानि उठानी पड़ सकती है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व के चन्नी पर मेहरबान होने से खिन्न पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने अवैध रेत खनन मामले में चन्नी के भतीजे को गिरफ्तार किए जाने के बाद चन्नी पर सीधा हमला बोला है। इसके साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद मनीष तिवारी भी पंजाब चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची में सम्मिलित नहीं किए जाने के कांग्रेस नेतृत्व पर व्यंगोक्ति में मुखर हो गए हैं।
सिद्धू बोले–जो स्वयं माफिया को बचाता हो व उनके विरुद्ध शिकंजा कैसे कसेगा
संवाद माध्यमों को दिए साक्षात्कार में नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री पद को लेकर कहा कि किसी भी मुख्यमंत्री उम्मीदवार को कम से कम 60 विधायकों का समर्थन होना चाहिए। सिद्धू ने यह भी कहा–हमें एक ईमानदार उम्मीदवार की जरूरत है। आपका भाग्य इस बात पर निर्भर करता है कि आप क्या चुनते हैं। सिद्धू ने नाम लिए बगैर चन्नी की ओर संकेत करते हुए प्रश्न उठाया–एक माफिया व्यक्ति आपके कार्यक्रमों को लागू नहीं कर सकता है। जो व्यक्ति स्वयं माफिया को बचाता हो, वह माफिया पर कैसे शिकंजा कस सकता है?
पहले ही पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व पर कमजोर-कठपुतली मुख्यमंत्री की चाहत रखने का आरोप लगा चुके सिद्धू ने कहा–किसी भी मुख्यमंत्री की पसंद के लिए नैतिक अधिकार और 17 साल का ट्रैक रिकॉर्ड होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं खुद को सीएम उम्मीदवार नहीं कह सकता, लेकिन आप कितने लोगों को देखते हैं जो सेलिब्रिटी हैं और छह चुनाव जीते हैं। सिद्धू ने कहा–केवल लोग ही मुख्यमंत्री को चुन सकते हैं। लोगों की आवाज भगवान की आवाज है। मैं यह कह सकता हूं कि मैंने दुनिया का ठेका नहीं लिया लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू चवन्नी रवादार नहीं है।
स्टार प्रचारकों की सूची से बाहर हुए तिवारी के तेवर भी हुए तल्ख
कांग्रेस ने पंजाब के लिए 30 स्टार प्रचारकों की एक सूची जारी की। इसमें सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और राहुल गांधी समेत कई नेताओं का नाम शामिल है, लेकिन पंजाब से इकलौते हिंदू सांसद मनीष तिवारी और दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद का नाम सूची में नहीं हैं। मनीष तिवारी को स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नहीं किए जाने के बाद पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे और पूर्व सांसद अभिजीत मुखर्जी भी कांग्रेस पर भड़क उठे। जिसके बाद मनीष तिवारी ने उनके ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेतृत्व पर व्यंगोक्ति की।
अभिजित मुख़र्जी ने लिखा कि पंजाब के मामलों में स्थिति दुखद है, क्योंकि उन लोगों ने पंजाब के सांसद और पूर्व मंत्री मनीष तिवारी को पंजाब चुनाव में प्रचार करने के लिए बनी स्टार प्रचारकों की सूची से बाहर कर दिया। इस तरह के संकीर्ण सोच वाले कदम कांग्रेस को चुनाव जीतने में कभी मदद नहीं करेंगे। उनके ट्वीट पर जवाब देते हुए मनीष तिवारी ने लिखा–अगर यह दूसरी तरफ से होता तो मुझे आश्चर्य होता। ऐसा किए जाने की वजह भी अब लोगों के सामने है। हालांकि इसके बाद अभिजित मुख़र्जी ने भी लिखा कि हमारे लोग अपने वोट से ही ऐसी मानसिकता का जवाब दे सकते हैं। चाहे कुछ भी हो जाए, आप हमेशा अदम्य बने रहेंगे! आप हमेशा सबसे बेहतरीन सांसदों में से एक रहे हैं और यही मेरे दिवंगत पिता की भी राय रही है। मनीष तिवारी ने एक साक्षात्कार में कहा कि सूची में उनका नाम नहीं होने से उन्हें आश्चर्य नहीं है, किंतु नाम होता तो अवश्य आश्चर्य होता।
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