गुना, 24 जनवरी। मध्यप्रदेश के गुना में समलैंगिक डेटिंग एवं वीडियो चैटिंग ऐप ‘Blued’ से सेक्सटॉर्शन करने वाली गैंग का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। सोमवार को पुलिस ने गैंग के छह सदस्यों को गिरफ्तार लिया है। पुलिस मामले की विवेचना कर रही है। सूत्रों के मुताबिक ‘Blued’ नाम का यह ऐप अंतरराष्ट्रीय गे-डेटिं एंड चैटिंग प्लेटफार्म है। दुनिया भर इसके एक करोड़ से ज्यादा डाउनलोड दर्ज हैं, पांच करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं।
पुलिस ने प्रारंभिक पूछताछ के आधार पर बताया है कि पकड़े गए आरोपी इस ऐप पर प्रोफाइल बनाकर समलैगिंक युवाओं को सुनसान जगह बुला कर शारीरिक संबंध बनाते हुए गुपचुप वीडियो रिकार्ड कर लेते थे। शिकार के घर पहुंचते ही उसका वीडियो भेजकर वायरल करने की धमकी दी जाती थी। इस तरह ब्लैकमेल के शिकार हो 50 हजार रुपए गंवा बैठे दो पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत की थी।
शिकायत दर्ज होने के बाद शुरू हुई विवेचना में पुलिस को गुना में छह आरोपियों का सुराग मिला। पुलिस ने गैंग के दो नाबालिग सदस्यों समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गैंग में 20 वर्षीय बंटी केवट, 21 वर्षीय टीकम साहू, 19 वर्षीय अनिकेत रजक और 29 साल का नीरज राठौर शामिल हैं। दिलचस्प बात यह है कि गैंग का सिर्फ एक बदमाश ही गे है, बाकी सब पैसा कमाने के लिए जुड़ गए थे।
पैसे कमाने महज 12वीं पास युवकों ने बिछाया हाइटेक जाल
पकड़ी गई गैंग के सदस्य आसपास के समलैंगिकों पर नजर रखती थी। जैसे ही कोई भी इस ऐप पर आईडी बनाता, तो गैंग के सदस्य उसकी लोकेशन देखकर उसे झांसे में ले लेते थे। विगत शनिवार गुना के दो युवाओं ने पुलिस को इस संबंध में शिकायत की थी। पीड़ितों ने बताया कि ऐप के जरिए उनसे संपर्क किया गया, फिर सुनसान जगह पर बुलाकर समलैंगिग संबंध बनाए गए। गुपचुप रिकार्ड किए गए वीड़ियो को वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल किया गया।
पुलिस के अनुसार अधिकांश आरोपी 12वीं पास बेरोजगार युवा हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश में समलैंगिक ब्लैकमेलिग का यह पहला मामला है। आरोपियों ने गुना व राघोगढ़ के दो पीड़ितों से 50-50 हजार रुपए वसूल किए थे।
दुनिया भर के समलैंगिकों में लोकप्रिय है BLUED App
गूगल प्ले स्टोर पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध Blued ऐप समलैंगिकों के बीच डेटिंग और वीडियो चैट कराता है। दुनियाभर में इस ऐप के पांच करोड़ से ज्यादा उपयोगकर्ता हैं। इसके अब तक पांच लाख से ज्यादा डाउनलोड हो चुके हैं। ऐप को इंस्टॉल कर आईडी बनाने पर उपयोगकर्ता की लोकेशन ऐप पर रजिस्टर्ड लोगों को दिखने लगती है। उस लोकेशन के सहारे ही लोग एक-दूसरे के संपर्क में आते हैं। इसी का फायदा उठा ब्लैकमेलर्स ने इलाके के लोगों से संपर्क कर उन्हें किसी सुनसान जगह मिलने बुला कर फंसाना शुरू कर दिया था। सुनसान जगह पर गैंग का समलैंगिग सदस्य शिकार से संबंध बनाता ता। दूसरे सदस्य गुपचुप वीडियो बना लेते ते। बीड़ियो वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेलिंग का सिलसिला शुरू होता था।
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