भिंड, 03 जनवरी। पुलिस ने रविवार शाम एक अंतरराज्यीय हथियार तस्कर को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से नौ देशी कट्टे, एक बंदूक औऱ 14 जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। पकड़े गए हथियार तस्कर के बारे में छानबीन हुई तो खुलासा हुआ कि वह 1993 में दोहरे हत्याकांड को अंजाम दे उस समय के राजनारायण शर्मा डकैत गिरोह में शामिल हुआ डकैत कम्मोद सिंह भदौरिया है। गिरोह के खात्मे के साथ ही कम्मोद भी पुलिस की गिरफ्त में आया था औऱ 2016 तक जेल में रहा था। रविवार को कम्मोद बीहड़ों से होकर मुल्लपुरा जा रहा था तब भी पुलिस ने चंगुल में आ गया।
14 वर्ष की सजा से भी नहीं आया बदलाव, छूटते ही बन गया तस्कर
भिंड के पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह चौहान ने जानकारी दी है कि 1993 से 1997 तक राजनारायण शर्मा गिरोह का सक्रिय सदस्य रहा मौरा गांव का कम्मोद सिंह भदौरिया पुलिस ने पकड़ कर जेल भेजा दिया है। राजनारायण गिरोह के खात्मे के बाद कम्मोद भी पकड़ा गया था, औऱ जेल भेज दिया गया था। डकैत कम्मोद 2016 में जेल से बाहर आया औऱ हथियारों की तस्करी करने लगा। यह बदमाश उत्तरप्रदेश के मैनपुरी से कट्टा-पिस्टल, बंदूक व कारतूस लाकर भिंड, मुरैना व ग्वालियर समेत अंचल दूसरे जिलों में सप्लाई करता था। जेल से छूटने के बाद इसे 2018 में भी अमायन पुलिस ने चार अधिया और एक बंदूक के साथ गिरफ्तार कर लिया था। वह फिर जमानत पर छूटा, लेकिन इस बार भी फितरत से बाज नहीं आया।
बदमाश के कुछ साथी अवैध हथियारों समेत तस्करी के प्रयास में एख महा पूर्व गोरमी पुलिस ने की टीम ने पकड़े थे। इनसे पूछताछ में पूर्व डकैत कम्मोद का भी नाम बताया, सभी के विरुद्ध मामला दर्ज हुआ था। भिंड में सायबर सेल के प्रभारी शिवप्रताप सिंह व पावई थाना प्रभारी सुधाकर सिंह तोमर ने आखिरकार कम्मोद को मल्लपुरा मोड के पास पकड़ लिया।
जिस बंदूक से दोहरी हत्याएं कर हुआ था फरार उसीके साथ पकड़ा गया
भिंड के पुलिस अधीक्षक के अनुसार शातिर बदमाश से जो 12 बोर दुनाली बंदूक जब्त की गई है, वही बंदूक डकैत रहने के दौरान उसके पास रहती थी। बीहड़ों में उतरने से पहले इसी बंदूक से दोहरी हत्याएं कर कम्मोद फ़रार हुआ था।
कम्मोद 1993 से 97 तक रहा डकैत छूटा तो करने लगा तस्करी
अपने गांव मौरा के कोक सिंह तोमर और भोगीराम सिंह भदौरिया की हत्या कर 1993 में हुआ था फ़रार, 1997 में जेल गया तब से अब तक कुल 9 वारदातों में अलग-अलग थानों में रहा आरोपी।
पावई थाने में 4( हत्या, अवैध हथियार, मारपीट व बलवा ), अटेर में 2( हत्या, नकबजनी), अमायन में हथियार तस्करी, गोरमी में हथियार तस्करी दर्ज।
पकड़े जाने के बाद 1997 में पहली बार जेल गया, 14 वर्ष जेल में रहने के बाद 2016 में रिहा हुआ।
अटेर थाना में 1993 में धारा 457, 380 के तहत मुकदमा पंजीबद्ध हुआ था।
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