क्राइम

बेरोजगारों को दिखाते थे जिगोलो बनाने के सपने, फर्जी ID से लेते थे बैंक लोन, गिरोह में निजी बैंक का कर्मचारी भी शामिल

ग्वालियर, 16 दिसंबर। फ़र्जी आधार-कार्ड समेत दूसरे नकली पहचान-पत्र बनाकर उनके इस्तेमाल से ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह का पुलिस की अपराध शाखा ने पर्दाफ़ाश कर दिया। बुधवार को गिरोह के तीन ठगों को गिरफ्तार कर पुलिस ने उनके कब्जे से दर्जनों सिम कार्ड, एटीएम कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड और फर्जी व्यापारिक संस्थान के पंजीयन दस्तावेज जब्त कर लिए। जिगोलो बनाने के ट्रेप में फंसा कर करते थे बेरोजगारों से ठगी….

अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश दंडौतिया के अनुसार पकड़े गए बदमाश नकली दस्तावेजों से बैंक लोन, ऑनलाइन ठगी, और नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी जैसी आपराधिक करतूतों को अंजाम दे रहे थे। गौरतलब है कि ये ठग बोरोजगार युवकों को जिगोलो बनाने का लालच दिखा कर जाल में फंसाते थे। पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है, जल्द ही कई और वारदातों का खुलासा हो सकता है। 

बैंक के ऋण खातेदारों को रिकवरी एजेंट बन धमका कर एंठते थे पैसे

एएसपी राजेश दंडोतिया ने बताया–शहर में अलकापुरी स्थित ICICI बैंक की शाखा में एक ग्राहक ने अपना खाता बंद करा दिया था। उसने अपनी चेक बुक और एटीएम भी बैंक में जमा करा दिए। इस बात का पता जब गैंग के सदस्यों को चला, तो उन्होंने बैंक के सेल्स-एग्जीक्यूटिव के साथ मिलकर उस खाते को सक्रिय करा लिया। इस खाते को ठगी की वारदातों में इस्तेमाल किया। गैंग के सदस्य लोन-रिकवरी के नाम पर ग्राहकों को फोन कर धमकाते थे कि लोन क्लोज होने वाला है, हमारी बात नहीं मानी तो क्लोजर पर ऐसा लिख देंगे कि फिर कहीं भी लोन नहीं मिलेगा। डरे हुए ग्राहक से रकम तय कर फर्जी खाते में डलवा कर निकाल लेते थे, और नदारद हो जाते थे।

जिगोलो सर्विस वेबसाइट बना कर हजारों को ठगा, शर्मिंदगी में नहीं हुई शिकायत
अपराध शाखा के एएसपी राजेश दंडौतिया ने बताया कि सैनिक कॉलोनी बंशीराम मार्केट में फ्लैट नंबर 1-ए में ONLINE फ्रॉड की गुफ्त सूचना मिली थी।  का काम चल रहा है। अपराध शाखा ने टीम गठित कर छापा मारा तो फ्लैट में काफी संख्या में फर्जी दस्तावेज मिले। मौके से गैंग के तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया। पुछताछ में पता चला कि आगरा की कॉलसेंटर से ठगी सीख कर आए गैंग के 12वीं पास शातिरों ने एक वेबसाइट “LACANTO’ बनाई है। उसे देखकर बेरोजगार युवा नौकरी के लिए आवेदन करते हैं तो उन्हें जिगोलो बनने का ऑफर दिया जाता है। युवाओं को मौजमस्ती के साथ ही ऊंची रकम मिलने का भी लालच दिया जाता था। जिगोलो बनने के नाम पर बेरोजगार युवक आसानी से झांसे मे आ जाते थे। झांसे में फंसे युवकों से दस्तावेज, कमीशन, सेफ्टी-किट के नाम पर शुल्क लिया जाता था। जिगोलो बनाने के लिए गिरोह के शातिर एक सोफ्टवेयर की सहायता से लड़की की आवाज में ऑफर देते थे। भरोसे में आए युवकों को ठगी का शिकार बनाने के बाद, जिस नंबर से शिकार फंसाया जाता थे उसे खत्म कर शिकार के नंबर को भी ब्लॉक कर दिया जाता था। ठगी के शिकार युवक जिगोलो शब्द से जुड़ी शर्म के दबाव में पुलिस से शिकायत भी नहीं करते थे।

पुलिस के चंगुल में फंसे, मिले दर्जनों फर्जी सिम, आधार,पेन, व एटीएम कार्ड  

अपराध शाखा ने गिरोह के मास्टर माइंड मुरैना निवासी पंकज राजपूत, अंबाह निवासी सौरभ नवरविरया और उत्तरप्रदेश के फ़ैजाबाद निवासी  अभिनव कुमार उर्फ गुलशन को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से 30 सिम कार्ड, 56 ATM कार्ड, 50 आधार कार्ड, 20 पेनकार्ड बरामद हुए हैं। अब तक की पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया है कि गिरोह ने जिगोलो बनाने का झांसा देकर देश भर से एक हजार से भी अधिक बेरोजगारों को ठगा है। पुलिस को इनके ग्वलियर के दो बैंक खातों में लगभग 18 लाख रुपए जमा होना ज्ञात हुआ है।

पकड़े नहीं जाते तो करोड़ों के बैंक लोन लेकर हो जाते नदारद

पकड़े जाने से पूर्व शातिर ठग गिरोह देश भर में बेरोजगारों को जिगोलो बनाने के लालच में लेकर ठगने से साथ ही बड़े बैंक फ्रॉड की रणनीति बना रही थी। इसके लिए मास्टर माइंड पंकज ने ग्वालियर की ICICI बैंक में दीपक ट्रेडर्स नाम से एक फर्जी कंपनी का खाता खुलवा लिया था। बैंक में दीपक ट्रेडर्स के 27 कर्मचारियों के नाम पर भी फर्जी खाते खुलवाए गए थे। इन खातों के लिए आधार और पैन कार्ड समेत दस्तावेज़ फर्जी इस्तेमाल किए गए थे। लगभग चार  माह पूर्व खोले गए इन खातों में कर्मचारियों के नाम से 10 से 15 हज़ार रुपए हर अकाउंट में प्रति माह वेतन के रूप में ट्रांसफर किए जा रहे थे। रणनीत के अनुसार दो माह बाद कंपनी एकाउंट के छह  माह पूरे होते ही कंपनी के नाम पर बैंक से एक भारी-भरकम लोन लिया जाना था। लोन के करोड़ों रुपए खातों से निकाल कर शातिर ग्वालियर से अपना कार्यालय और कारोबार समेट कर फ़रार होने वाले थे। बैंक में दीपक ट्रेडर्स के सभी खाते और कर्मचारी फर्जी थे इसलिए इनके फंसने के अवसर नहीं थे। साइबर और अपराध शाखा की टीम के हत्थे चढ़ने से शातिर ठगों बड़ा फ्रॉड करने का मंसूबा धरा रह गया।

gudakesh.tomar@gmail.com

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