ख़बर ख़बरों की डेस्क, 15 दिसंबर। हेलिकॉप्टर Mi-17 दुर्घटना में दिवंगत सीडीएस विपिन रावत के था घायल हुए भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने भी बैंगलुरू के अस्पताल में सात दिन युद्ध लड़ने के बाद बुधवार को वीरगति प्राप्त कर ली। तेजस उड़ाते हुए मौत को मात देने वाले शहीद वरुण सिंह को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। सम्मान मिलने के बाद उन्होंने 18 सितंबर 2020 को अपने स्कूल प्राचार्य के माध्यम से विद्यार्थियों को पत्र लिखा था। पत्र में आर्मी-स्कूल के विद्यार्थियों को लिखा था–असाधारण प्रतिभा होना जरूरी नहीं, औसत होना भी ठीक होता है। बस जरूरत अपने जुनून को पहचाने की है।
आप औसत हैं तब भी अच्छे हैं, बस जो भी करें समर्पण के साथ
आर्मी-स्कूल के प्राचार्य को भेजे पत्र में उन्होंने एक विद्यार्थी के रूप में अपने जीवन के बारे में विद्यार्थियों को बताया था। उन्होंने लिखा था–औसत दर्जे का होना ठीक है। हर कोई स्कूल में पढ़ने में तेज नहीं होता। हर कोई 90 प्रतिशत स्कोर नहीं कर पाता। यदि आप ऐसा करते हैं तो यह एक अद्भुत उपलब्धि है और इसकी सराहना की जानी चाहिए।
वरुण सिंह ने आगे लिखा था–आप स्कूल में औसत दर्जे के हो सकते हैं, लेकिन यह जीवन में आने वाली चीजों का कोई पैमाना नहीं है। अपनी हॉबी ढूंढें, यह कला, संगीत, ग्रॉफिक डिजाइन, साहित्य कुछ भी हो सकती है। जो भी करें, समर्पित रहें, अपनी तरफ से सबसे अच्छा करें। यह सोचकर कभी सोने मत जाओ कि मैं और प्रयास कर सकता था।
साफगोई के साथ दिया अपना उदाहरण, लिखा–12वीं में बमुश्किल फर्स्ट आया
वरुण सिंह ने लिखा– मैं बहुत ही औसत विद्यार्थी था। मुश्किल से 12वीं क्लास में फर्स्ट डिवीजन हासिल की थी, फिर भी अनुशासन में कमी नहीं आने दी। मैं खेल और अन्य एक्टिविटीज में भी एवरेज था, लेकिन मुझमें एयरोप्लेन और एविएशन को लेकर पैशन था। मैंने दो बार एयरोनॉटिकल सोसाइटीज ऑफ इंडिया क्विज में अपने स्कूल को लीड किया था। हम लोग उस प्रतियोगिता में एक बार सेकेंड और एक बार थर्ड पोजिशन पर आए थे।
वरुण सिंह ने आगे लिखा–जुनून ने मुझे साथियों से आगे कर दिया
वरुण सिंह ने पत्र में लिखा–एक लड़ाकू स्क्वाड्रन में एक युवा फ्लाइट लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन के बाद मुझे एहसास हुआ कि अगर मैं अपना दिमाग और दिल लगा दूं तो मैं अच्छा कर सकता हूं। मैंने सर्वश्रेष्ठ बनने के लिए काम करना शुरू कर दिया। नेशनल डिफेंस एकेडमी पहुंचा तो वहां एक कैडेट के रूप में पढ़ाई या खेल में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। जब मैं एयर फोर्स एकेडमी पहुंचा तो मुझे एहसास हुआ कि विमानों के लिए मेरे मन में जुनून है। इसी जुनून ने मुझे अपने साथियों पर बढ़त दी है। पहले मुझे अपनी क्षमताओं पर भरोसा नहीं था।
ऊंचे उड़ते तेजस में आई खराबी के बाद भी मौत को छोड़ा था पीछे
भारतीय सेना में कर्नल के बेटे वरुण सिंह ने हरियाणा के चंडी मंदिर स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की थी। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में असंभव संभव कर दिखाने वाला शौर्य दिखाया तो उन्हें शौर्य-चक्र से सम्मानित किया गया था। ग्रुप-कैप्टेन वरुण सिंह ने उड़ान के दैरान तकनीकी कमी आने के बावजूद तेजस को सफलतापूर्व उतार कर बड़े हादसे को टालते हुए मौत को मात दी थी। ग्रुप-कैप्टेन वरुण सिंह ने अपने स्कूल के विद्यार्थियों को लिखा था–इस प्रतिष्ठित पुरस्कार का श्रेय स्कूल, NDA और उसके बाद वायु सेना में वर्षों से जुड़े सभी लोगों को जाता है। मैं यह मानता हूं कि उस दिन किया गया काम मेरे शिक्षक, प्रशिक्षकों और साथियों द्वारा मुझे संवारने और सलाह देने का परिणाम था।
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,05 June’25 India’s manufacturing sector lost some momentum in May, with…
Ira Singh Khabar Khabaron ki,02 June’25 India’s Goods and Services Tax (GST) collections continued their…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,01 June’25 The central government managed to meet its fiscal deficit…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,31 May'25 India’s economy expanded by 7.4% in the March quarter…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,31 May’25 Infosys founder NR Narayana Murthy has launched a pioneering,…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,30 May’25 India’s economy has reached a significant milestone, with its…