नई दिल्ली, 15 दिसंबर। तमिलनाडु के कुन्नूर में MI-17 हेलिकॉप्टर दुर्घटना में घायल हुए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का बुधवार को निधन हो गया। वरुण सिंह सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ हेलिकॉप्टर में यात्रा कर रहे 14 लोगों के दल में शामिल थे और हादसे में एक मात्र जिंदा बचे सैन्य अधिकारी थे।
भारतीय वायुसेना ने बुधवार को ट्वीट में लिखा–यह बताते हुए काफी दुख हो रहा है कि ग्रुप कैप्टन का इलाज के दौरान आज निधन हो गया। वह आठ दिसंबर 2021 को हुए हादसे में अकेले जिंदा बचे थे। घायल वरुण के लिए हादसे के बाद से लगातार प्रार्थनाएं की जा रही थीं। लोगों को उनके स्वस्थ हो जाने की उम्मीद थी, क्योंकि वह पहले भी एक बार मौत को मात दे चुके थे।
प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रुप कैप्टेन वरुण सिंह के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट में लिखा–ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को श्रद्धांजलि। देश के लिए उनकी सेवा को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने पराक्रम और अत्यंत पेशेवराना अंदाज से देश की सेवा की। उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरी संवेदनाएं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी उनके निधन पर शोक जताया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा–IAF पायलट ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के निधन से हुए दर्द को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। वह सच्चे फाइटर थे, जिन्होंने अपनी अंतिम सांस तक जंग जारी रखी।
उत्तरप्रदेश के देवरिया से भोपाल में बस गया वरुण सिंह का परिवार
उत्तरप्रदेश के देवरिया निवासी वरुण सिंह का परिवार तीनों सेनाओं से जुड़ा रहा है। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह इंडियन एयरफोर्स (IAF) के फाइटर पायलट थे। उनके पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह आर्मी की एयर डिफेंस (AAD) की रेजिमेंट में थे। कर्नल केपी सिंह के दूसरे बेटे लेफ्टिनेंट कमांडर तनुज सिंह भारतीय नौसेना में हैं। वरुण का परिवार इन दिनों मध्यप्रदेश के भोपाल में रहता है। वरुण के पिता केपी सिंह के चार भाई और हैं। वरुण प्रताप सिंह रुद्रपुर से कांग्रेस के पूर्व विधायक व प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह के भतीजे हैं।
वरुण का परिवार 20 साल पहले भोपाल शिफ्ट हो गया था। वहीं उनका मकान भी है। वरुण के पिता केपी सिंह अपनी पत्नी उमा सिंह के साथ वहीं रहते हैं। वरुण सिंह अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ वैलिंग्टन में रहते थे।कर्नल केपी सिंह के जहां-जहां पोस्टिंग रही, वहीं वरुण सिंह की पढ़ाई होती रही।
पहले मौत को दे दी थी मात, शौर्यचक्र से हुए थे सम्मानित
वरुण वायुसेना में आने के बाद जामनगर, गोरखपुर, दिल्ली और बंगलौर होते हुए ग्रुप कैप्टन के रूप में वेलिंग्टन में तैनात थे। विगत वर्ष 12 अक्तूबर 2020 को फ्लाइंग कंट्रोल सिस्टम खराब होने के बावजूद, वरुण ने करीब दस हजार फीट की ऊंचाई से विमान की सफल लैंडिंग कराई थी। इसके लिए 15 अगस्त को राष्ट्रपति ने उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया था।
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