नई दिल्ली, 27 नवंबर। कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के खतरे के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अधिकारियों के साथ दो घंटे तक समीक्षा बैठक की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय यात्रा प्रतिबंधों में दी जा रही छूट की फिर से समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। प्रधानमंत्री ने नए वैरिएंट के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए बाहर से आने वाले यात्रियों की सघन निगरानी के लिए कहा है। पीएम ने बैठक के दौरान कहा कि जिन देशों में नए वैरिएंट का ज्यादा खतरा है, वहां से आने वाले यात्रियों पर पूरा ध्यान दिया जाए।
साउथ अफ्रीकन वैरिएंट को लेकर प्रधानमंत्री की हिदायतें
ओमिक्रॉन को लेकर दुनिया भर में डर, माना ‘वैरिएंट ऑफ सीरियस कंसर्न’
मोदी की अध्यक्षता में यह बैठक ऐसे समय बुलाई गई है, जब अफ्रीका में मिले कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर दुनियाभर के देश डर गए हैं। दक्षिण अफ्रीका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफेक्शियस डिजीज ने बताया–देश में इस वैरिएंट के अब तक 22 केस मिले हैं। वैज्ञानिकों ने इसे B.1.1.529 नाम दिया है। इसे वैरिएंट ऑफ सीरियस कंसर्न बताया गया है। सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में इस वैरिएंट के केस मिले थे। वहां अब तक इस वैरिएंट से 77 लोग इंफेक्ट हो गए हैं। बोत्सवाना में भी 4 लोग इस वैरिएंट से इंफेक्टेड मिले हैं। चिंता वाली बात ये है कि बोत्सवाना में पूरी तरह वैक्सीनेटेड लोग भी इसकी चपेट में आ गए हैं। साथ ही हॉन्ग कॉन्ग में भी इस नए वैरिएंट के 2 केस मिले हैं। फिलहाल दोनों मरीजों को आइसोलेशन में रखा गया है और निगरानी की जा रही है। इजराइल में भी इस वैरिएंट से इंफेक्टेड एक केस की पुष्टि हुई है। इंफेक्टेड व्यक्ति दक्षिण अफ्रीकी देश मलावी से लौटा है।
हांगकांग, बोत्सवाना और इजराइल समेत 12 देशों के यात्रियों की होगी सख्त जांच
हॉन्गकॉन्ग, बोत्सवाना और इजराइल समेत भारत में दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, ब्रिटेन सहित यूरोप के देशों से आने वाले यात्रियों की जांच के लिए सभी एयरपोर्ट्स को निर्देश दिए गए हैं। केंद्र सरकार ने राज्यों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। राज्यों से कहा गया है कि वे दक्षिण अफ्रीका, हॉन्गकॉन्ग, बोत्सवाना और इजराइल से आने वाले यात्रियों की अच्छी तरह से जांच करें। किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें। राज्यों और UTs को लिखे एक लेटर में हेल्थ सेक्रेटरी राजेश भूषण ने कहा–पॉजिटिव पाए जाने वाले सैंपल्स को तुरंत जीनोम सीक्वेंसिंग लैबोरेटरी में भेजा जाए। देश के नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने भी इस वैरिएंट को लेकर देश भर के विशेषज्ञों को आगाह किया है।
वैक्सीन के भी बेअसर रहने की आशंका
ऐसा माना जा रहा है। चूंकि वैक्सीन को चीन में मिले वायरस के हिसाब से बनाया गया है, लेकिन ये स्ट्रैन उस मूल वायरस से अलग है। हो सकता है कि इस वैरिएंट पर वैक्सीन इफेक्टिव न हो। इफेक्टिव हो भी तो उसकी एफिकेसी कम हो सकती है। हालांकि, इस बारे में अभी कुछ भी पुख्ता जानकारी नहीं है, लेकिन सूत्रों के अनुसार इस वायरस के सामने वैक्सीन 32-40 प्रतिशत कम असरकारक होगी।
अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवा पर असर
इस वेरिएंट के सामने आने के बाद वीजा प्रतिबंधो में ढील के साथ अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवा प्रारंभ करने पर एक बार फिर से असर पड़ सकता है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अगर सख्ती नहीं बरती गई तो सार्वजनिक स्वास्थ्य पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
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