राजमाता की जयंती पर बेटियों ने अर्पित किए श्रद्धा-सुमन, पवैया बोले–हैसियत नहीं हस्ती थीं अम्मा महाराज

ग्वालियर, 24 अक्टूबर। भाजपा की संस्थापक उपाध्यक्ष और सिंधिया राजवंश की अंतिम महारानी राजमाता विजयाराजे सिंधिया की 102वीं जयंती पर राजस्थान का पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व मध्यप्रदेश की खेल मंत्री यशोधरा राजे ने रविवार को करवाचौथ पर राजमाता के श्रद्धसुमन अर्पित किए। राजमाता की बेटियां वसुंधरा और यशोधरा राजे रविवार सुबह ग्वालियर पहुंची। उन्होंने हिंदू तिथि के आधार पर  राजमाता विजयाराजे सिंधिया की जयंती मनाई। राजमाता को श्रद्धांजलि अर्पित करने मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा, पूर्व भाजपा सांसद जयभान सिंह पवैया और कांग्रेस विधायक डॉ.सतीश सिकरवार समेत सैकड़ों कार्यकर्ता एव गणमान्य नागरिक पहुंचे।

भाजपा की वरिष्ठ नेता व संस्थापक सदस्य राजामाता विजयाराजे सिंधिया का जन्म 12 अक्टूबर 1919 को कार्तिक कृष्ण पक्ष में करवाचौथ के दिन हुआ था। यही वजह है कि सिंधिया राजवंश के सदस्य इसे दो बार मनाते हैं। राजमाता की बेटियां राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और मध्यप्रदेश की खेल मंत्री यशोधरा राजे तिथि के आधार पर रविवार को करवाचौथ पर राजामाता की जयंती मनाने पहुंची। इस अवसर पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, मंत्री भारत सिंह कुशवाहा ने भी राजमाता की समाधि पर पुष्पांजलि दी। पूर्व मंत्री व सांसद जयभान सिंह पवैया और कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार ने राजमाता को राजनीति की सीमाओं से परे बताकर उन्हें सबकी मात कहा और पुष्पांजलि अर्पित।

राजमाता हैसियत नहीं हस्ती थीं, सनातन संस्कृति की साधिका थीं

राजमाता की जयंती पर पूर्व मंत्री व सिंधिया राजवंश के विरोध की राजनीति करते आए जयभान सिंह पवैया भी अम्मा महाराज की छत्री पर राजमाता को पुष्पांजलि अर्पित करने पहुंचे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राजमाता भारत की सनातन संस्कृति की साधिका थीं। वह हैसियत नहीं हस्ती थीं, क्योंकि वह राजनीति में सेवा के लिए आईं पद के लिए नहीं उन्होंने मुख्यमंत्री व भाजपा अध्यक्ष का पद भी विनम्रता पूर्वक अस्वीकार कर दिया था।

गृहमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने राजमाता को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मां, महात्मा और परमात्मा का महत्व किसी दल विशेष नहीं वरन् जन-सामान्य के लिए विशेष होता है। डॉ.मिश्रा ने राजमाता को राजपथ से लोकपथ की सेवा यात्रा पर निकलीं थीं। राजमाता को श्रद्धांजलि अर्पित करने कांग्रेस विधायक डॉसतीश सिकरवार भी पहुंचे थे। उन्होने राजमाता के व्यक्तित्व को दलगत राजनीति से परे निरूपित करते हुए कहा कि उन्हें भाजपा नेता भर मान लेना ग्वालियर के निवासियों के साथ नाइसाफी होगी।  

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