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डेंगू-वायरल बुखार की चपेट में ग्वालियर-चंबल, KRH में एक बिस्तर पर 4 बच्चे, एक सप्ताह में 6 की मृत्यु

ग्वालियर, 01 अक्टूबर। शहरर में इन दिनों बच्चों में फैले वायरल और डेंगू बुखार से स्थिति खराब होती जा रही है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति आदिवासी क्षेत्रों में दिखाई दे रही है। यहां पहले से कुपोषित बच्चों में वायरल बुखार की बहुत उपचार के बाद भी स्वास्थ्य सुधार मुश्किल हो रहा है। इस कारण बीमार बच्चों की संख्य बढ़ती  जा रही है और अस्पतालों में एक ही बिस्तर पर तीन से चार बच्चे लेटे हुए हैं। हर बच्चे के परिजन भी वहीं मौजूद होने से वार्ड पूरी तरह खचाखच हो चुके हैं। स्थिति की भयावहता का अंदाल इसी से लगया जा सकता है कि जारी सप्ताह में अब तक छह बच्चों की मृत्यु हो चुकी है। इस संबंध में KRH के डॉक्टर्स कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

शहर में वायरल और डेंगू बुखार तेजी से फैल रहा है। लगातार चौथा दिन जयारोग्य अस्पताल के KRH में एक बच्चे की मौत हुई है।अब तक चार दिन में छह बच्चों की मौत हो चुकी है। गुरुवार को जिस बच्चे की मौत हुई, उसकी उम्र आठ वर्ष की थी, उसे गंभीर स्थिति में छतरपुर से लाया गया था।

शहर में लगातार बढ़ रहे बीमार, 23 सितंबर से अब तक कुल 294 डेंगू मरीज

गुरुवार को अभी तक के एक दिन के सबसे ज्यादा 98 सैंपल में 52 डेंगू पॉजिटिव मरीज मिले हैं। इनमें भी 38 ग्वालियर के हैं, शेष 14 मरीज पड़ोसी शहरों के हैं। KRH में लगातार बढ़ रहे बच्चे मरीजों की संख्या को देखते हुए पीडियाट्रिक वार्ड में 20 अतिरिक्त बिस्तर बढ़ाए गए हैं। फिर भी एक विस्तर पर चार बच्चों को सुलाने की विवशता है। ग्वालियर के KRH में पीड़ियाट्रिक वार्ड में अभी तक 36 बेड थे, जिन पर 85 के लगभग बच्चे भर्ती थे। स्थानीय विधायक के भड़कने और सोशल मीडिया पर लगातार बात उठने पर प्रशासन ने तत्काल ऑर्थोपेडिक और स्किन विभाग से 20 बिस्तर लेकर पीडियाट्रिक वार्ड में बढ़ाए गए हैं। जिससे अब कुछ राहत है, लेकिन लगातार वायरल, डेंगू से पीड़ित होते बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है।

शिवपुरी के जिगनी गांव से आई नीतू 4 वर्षीय आदिवासी की मां धनकुंवर ने बताया कि नीतू पहले से ही बेटी कमजोर थी अब उसे बुखार ने घेर लिया है। शिवपुरी में डॉक्टरों ने ग्वालियर के लिए रेफर कर दिया। सीएमएचओ डॉ.मनीष शर्मा का कहना है कि बच्चों की बढ़ती आमद को देखते हुए अतिरिक्त पलंगों की व्यवस्था की गई है। बड़े बच्चों के लिए 118 पलंग निर्धारित किए गए हैं जबकि पीआईसीयू में 56 पलंग है। नवजात बच्चों के लिए 30 पलंग अलग से हैं।

gudakesh.tomar@gmail.com

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