नई दिल्ली। केंद्रीय उड्डयन नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा लाई गई प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव(PLI) स्कीम से ड्रोन इंडस्ट्री को बूम मिलेगा। इस स्कीम से पांच हजार करोड़ रुपये के निवेश और लगभग 10 हजार को लोगों को सीधे रोजगार की उम्मीद है। बुधवार को PLI योजना अधिसूचित किए जाने के बाद संवाद माध्यमों से चर्चा करते हुए गुरुवार केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया–ड्रोन पॉलिसी के बाद PLI स्कीम डिमांड बेस्ड पॉलिसी की सरकार की मंशा के अनुरूप है। सरकार चाहती है कि भारत निर्माण के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाए ताकि रोजगार भी सृजित हों और नए एमएसएमई उद्योग को बढ़ावा मिले।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ने उम्मीद जाहिर की है कि PLI आगामी तीन वर्षों में ड्रोन निर्माण से नौ सौ करोड़ रुपये का कारोबार करेगा। उन्होंने अनुमान जताया कि साल 2026 तक ड्रोन उद्योग 1.8 अरब डॉलर का हो जाएगा। केंद्र सरकार की PLI स्कीम के बारे में बताते हुए सिंधिया ने कहा कि वर्तमान में ड्रोन उद्योग 80 करोड़ का है, जब 120 करोड़ रुपए का इंसेंटिव दिया जाएगा तो यह उद्योग-क्षेत्र धीरे-धीरे 300 करोड़ रुपए तक का हो जाएगा।
पीएम मोदी की दूरदर्शिता का नतीजा है नई ड्रोन पॉलिसी औऱ PLI–सिंधिया
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 25 अगस्त को जारी की गई नई ड्रोन पॉलिसी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच का नतीजा बताया। केंद्रीय मंत्री ने उम्मीद जताई कि पीएलआई से इसे और बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में लैंड मैपिंग, कृषि-क्षेत्र में, खनन-क्षेत्र, रक्षा-क्षेत्र और चिकित्सा-क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग बढ़ेगा, इससे रोजगार भी बढ़ेंगे। नई ड्रोन पॉलिसी और PLI स्कीम आत्मनिर्भर भारत की सोच को और बढ़ावा देने के मकसद से लाई गई हैं। इसके तहत ड्रोन के निर्यात को बढ़ावा देते हुए इस क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा करना है।
भारत 2026 तक होगा ड्रोन-इंडस्ट्री का हब, सिंधिया ने जताई उम्मीद
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री सिंधिया ने संवाद माध्यमों को जानकारी दी कि भारत को ड्रोन इंडस्ट्री का हब बनाना है। इसके लिए हार्डवेयर व प्रोग्रामिंग के क्षेत्र में एमएसएमई को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा ड्रोन निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इस नई योजना के तहत कार्य होंगे।
सिंधिया ने गिनाईं ड्रोन PLI योजना की 15 विशेषताएं
दावा वर्ष | बिक्री- कुल जीएसटी (रुपये करोड़ में) | खरीद- कुल जीएसटी (रुपये करोड़ में) | पात्र मूल्य वृद्धि (रुपये करोड़ में) | मूल्य वृद्दि के लिए पीएलआई दर (प्रतिशत) | लागू पीएलआई (रुपये करोड़ में) | संवितरण वर्ष |
वित्त वर्ष 21-22 | 200 | 120 | 80 | 20 प्रतिशत | 16 | वित्त वर्ष 22-23 |
वित्त वर्ष 22-23 | 400 | 240 | 160 | 20 प्रतिशत | 32 | वित्त वर्ष 23-24 |
वित्त वर्ष 23-24 | 900 | 540 | 360 | 20 प्रतिशत | 72 | वित्त वर्ष 24-25 |
कुल योग | 1500 | 900 | 600 | 20 प्रतिशत | 120 |
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