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सबसे लंबी उड़ान भरने वाली पायलट से मुलाकात कर सिंधिया बोले–उनकी कहानी देती रहेगी युवाओं को सपने देखने और पूरा करने की प्रेरणा

जोया ने 8 वर्ष की आयु में देखा था आसमान में उड़ान भरने का सपना, टीम के साथ भरी 16 हजार किलोमीटर लंबी उड़ान

नई दिल्ली, 29 अगस्त। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दुनिया के सबसे लंबे 16 हजार किलोमीटर लंबे उड्डयन मार्ग से उत्तरी ध्रुव पर उड़ान भरने का कीर्तिमान रचने वाली एयर इंडिया की महिला पायलटों की टीम की कैप्टेन जोया अग्रवाल से मुलाकात की है। गौरतलब है कि कैप्टेन जोया और उनकी टीम ने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को शहर से उड़ान भरने के बाद नॉर्थ पोल से होते हुए बेंगलुरु तक की उड़ान भरी। कैप्टेन जोया को सम्मानित करते हुए सिंधिया ने कहा कि जोया की सफलता की कहानी युवाओं को प्रेरणा देती रहेगी। इस अवसर पर सिंधिया ने कहा–कैप्टेन जोया से मुलाकात ही सम्मान का विषय है।

जोया बचपन में ही देखने लगी थी आसमान में उड़न के सपने

  • एयर इंडिया में कमर्शियल पायलट कमांडर जोया अग्रवाल ने आठ साल की उम्र में सपना देखा था कि वह आसमान में लंबी-ऊंची उड़ानें भरेंगी।
  • बुलंद हौसलों वाली जोया आज एक सीनयर पायलट हैं और बतौर कमांडर बी-777 विमान उड़ाने का उनके पास 10 साल से ज्यादा का अनुभव है।
  • साल 2013 में बोइंग-777 उड़ाने वाली भारत की सबसे कम उम्र की महिला पायलट बनीं थीं। जोया दो वर्ष बाद ही यात्री की जान बचाने के लिए साहसिक  विमान पत्तन कर 2015 में संवाद माध्यमों की सुर्खियों में छा गई थीं। जोया ने न्यूयॉर्क जाने वाली उड़ान में एक यात्री की जान बचाने के लिए दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपात विमान पत्तन किया था। यात्री को सांस फूलने की शिकायत हुई थी। विमान उतरते ही यात्री को अस्पताल ले जाया गया और उसकी जान बच गई थी।
  • COVID-19 महामारी के दौरान भारत सरकार ने मई 2020 में एयर इंडिया की 64 उड़ानों में 12 देशों से लगभग 14,800 भारतीयों को इंडिया वापस लाने के लिए ‘वंदे भारत मिशन’ की शुरुआत की थी, तब जोया अग्रवाल को एयरलाइन द्वारा पहली प्रत्यावर्तन उड़ान के सह-पायलट के लिए चुना था।
  • जनवरी 2021 में जोया ने एयर इंडिया की महिला टीम के साथ भारत के लिए सबसे लंबी नॉन-स्टॉप कामर्शियल फ्लाइट उड़ाकर नया इतिहास रचा था।
  • अपनी टीम के साथ 16 हजार किलोमीटर लंबी उत्तरी ध्रुव के ऊपर से गुजरते हुए जोया जब सैन-फ्रांसिस्को से बैंगुलुरू पहुंचीं तब उन्होने देश के युवाओ से कहा था–’सपने देखिए और उसे पूरा करने के लिए मेहनत कीजिए’। अपनी सफलता पर जोया ने कहा था कि मैं जिस जगह से आती हूं, वहां महिलाओं-लड़कियों को सपने देखने का अधिकार नहीं है, लेकिन मैंने फिर भी स्वप्न देखे और उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत भी। इसलिए हर महिला को सपने देखने चाहिए और उन्हें पूरा करने के लिए खुद में भरोसा जगाना चाहिए, जब ऐसा होता है तो सफलता मिलकर ही रहती है।
  • गौरतलब है कि कमांडर जोया अग्रवाल को उनकी इस उपलब्धि के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रवक्ता नियुकत कर सम्मानित किया गया है।
gudakesh.tomar@gmail.com

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