एकल पीठ ने मामले की CBI से जांच समेत TI व SI के विरुद्ध FIR और संबंधित दूसरे अधिकारियों को ग्वालियर-चंबल से बाहर तैनत करने के दिए थे निर्देश
ग्वालियर, 07 जुलाई। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ ने उपनगर के मुरार पुलिस थाने में गैंगरेप की शिकायत के लिए पहुंची दलित नाबालिग कथित टॉर्चर को लेकर विगत दिनों पुलिस अफसरों के खिलाफ एफआईआर करने का आदेश दिया था। एकल पीठ के फैसले के विरुद्ध अपील पर सुनवाई करते हुए फिलहाल युगल पीठ ने एकल पीठ के आदेश पर रोक लगा दी है। युगल पीठ ने इसके साथ ही जिम्मेदार ठहराए गए पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक और विभागीय कार्रवाई पर भी रोक लगा दी है। युगल पीठ ने लगाई एकल पीठ के फैसलों पर सुनवाई पूरी होने तक रोक….
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुमन गुर्जर, सीएसपी रामनरेश पचौरी, थाना प्रभारी अजय सिंह पंवार, सिरोल थाना प्रभारी प्रीति भार्गव और सब इंस्पेक्टर कीर्ति उपाध्याय को ग्वालियर-चंबल संभाग से बाहर तैनाती के आदेश में बदलाव करते हुए युगल खण्डपीठ ने निर्देश जारी किया है कि जब तक इस मामले में युगलपीठ में की गई अपील पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती, तब तक इन्हें ग्वालियर-चंबल नहीं सिर्फ ग्वालियर जिले से बाहर रखा जाए।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय एकल पीठ ने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। साथ ही पुलिस थाने में नाबालिग शिकायतकर्ता की पिटाई के आरोपी मुरार के थाना प्रभारी अजय पंवार और सब इंस्पेक्टर कीर्ति उपाध्याय के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए थे। ज्ञातव्य है कि विगत जनवरी में मुरार निवासी एक दलित नाबालिग लड़की के साथ आदित्य भदौरिया और उसके एक साथी ने दुष्कर्म किया था। मामले की शिकायत करने जब लड़की थाने पहुंची तो थाना प्रभारी ने इस लड़की और उसके परिजनों के साथ मारपीट की। इस मामले में लड़की ने मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान भी दर्ज कराए थे और शरीर पर चोटों के निशान भी जज को दिखाए थे। न्यायमूर्ति जीएस आहलूवालिया ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरे मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे और संबंधित पुलिस अफसरों को ग्वालियर-चंबल संभाग से बाहर तैनाती के निर्देश भी दिए थे। इसके अलावा थाना प्रभारी अजय पवार और स्पेक्टर कीर्ति उपाध्याय के विरुद्ध एफआईआर के भी आदेश दिए थे।
एकल पीठ के इस फैसले के विरुद्ध पुलिस अफसरों और सरकार ने युगलपीठ में अपील की थी। सोमवार को अपील की सुनवाई हुई युगलपीठ ने मंगलवार को पुलिस अधिकारियों को फौरी तौर पर बड़ी राहत दे दी है।
रेप का मामला दर्ज नहीं कराने हुई थी पीड़िता और परिजन की पिटाई
किशोरी के बयान दर्ज कराने वाले शासकीय अधिवक्ता ओपी शर्मा के अनुसार बीते रविवार 31 जनवरी 2021 की रात को 8 बजे सीपी कॉलोनी में रहने वाले गंगा सिंह भदौरिया के पोते आदित्य भदौरिया और उसके दोस्त ने लड़की को घर में अकेला पाकर उसके साथ बलात्कार किया था। बताया गया है कि किशोरी आरोपियों के घर में घरेलू काम करने आती थी। शर्मा ने बताया कि पोते की करतूत की जानकारी गंगा सिंह को लगी तो उन्होंने किशोरी पर शिकायत नहीं करने का दबाव बनाया, लेकिन वह परिजन के साथ मुरार पुलिस थाने पहुंच गई थी। पुलिस थाने के स्टाफ ने मामला जर्ज करने में आनाकानी की थी, लेकिन एडिशनल एसपी सुमन गुर्जर के हस्तक्षेप के बाद किसी तरह बलात्कार का मामला दर्ज किया गया। शासकीय अधिवक्ता ओपी शर्मा ने आरोप लगाया था कि किशोरी और उसके परिजन की पुलिस थाने के अंदर मारपीट की गई है, क्योंकि वह मामला दर्ज कराने पर अड़े थे। किशोरी ने संवाद माध्यमों को शरीर पर चोटों के निशान भी दिखाए थे, फिर भी मुरार पुलिस किशोरी के बयानों को झूठा बताती रही थी।
पीड़िता ने सुनाई थी आपबीती, आरोपी के दादा ने कहा था साजिश
पीड़िता ने खुद को 15 साल बताते हुए आरोप लगाया था कि सीपी कॉलोनी निवासी गंगा सिंह भदौरिया के मकान में झाडू पोंछा के काम के लिए 20 दिसंबर 2020 को रखा गया था। उसे रहने के लिए भी घर के ग्राउंड फ्लोर पर जगह दी गई थी। किशोरी के अनुसार–31 जनवरी की रात आठ बजे गंगा सिंह भदौरिया के पोते आदित्य भदौरिया और उसके एक दोस्त ने कमरे का दरवाजा खुलवाया, दोनों ने मेरे साथ बलात्कार किया, और धमकाकर भाग गए थे। किशोरी ने बताया था कि वह डरी हुई थी। पुलिस से पहले उसने सीएम हेल्प लाइन पर कॉल किया। वहां से मिले निर्देश पर मुरार पुलिस पीड़िता को थाने ले आई। बहुत आनाकानी के बाद पुलिस ने आदित्य के दोस्त के विरुद्ध रेप का मामला दर्ज किया था।
आरोपियों ने बचाव में मामले को पुरानी रंजिश के बदले की साजिश बताया था
आरोपी पक्ष ने अपना बचाव करते हुए बताया था कि आदित्य सिंह भदौरिया पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली लड़की झूठ बोल रही है। दरअसल 28 सितंबर 2017 को गंगा सिंह भदौरिया के बेटे संजय भदौरिया की हत्या सोनू परमार, संदीप शर्मा और उनके साथियों ने कर दी थी। संजय का बेटा आदित्य वारदात का मुख्य गवाह है। उस वक्त सभी आरोपी कोविड-19 पैरोल पर जेल से बाहर निकले थे। इन्होंने साजिश के तहत इस लड़की को 20 दिसंबर को काम पर रखवाया। गंगा सिंह के मुताबकि घर में लगे CCTV कैमरे की फुटेज से साफ हुआ है कि राहुल शर्मा नाम का एक लड़का 31 जनवरी 2021 की रात पौने आठ बजे खाने का पैकेट लेकर आता दिख रहा है। उसके आते ही रात 8:22 बजे उसने लड़की के साथ सीएम हेल्प लाइन पर कॉल किया था।
पुलिस ने उम्र का विरोधाभास भी लाने की भी की थी कोशिश
मुरार थाना टीआई अजय पवार का कहना था कि घटना के बाद पुलिस थाने पहुंची पीड़िता ने खुद को नाबालिग बताते हुए अपनी आयु 15 साल बताई थी। जिस पर पुलिस ने पॉक्सो एक्ट की भी धारा लगाई, लेकिन आधार कार्ड पर उम्र 13 साल है। जब बिजौली के विजयगढ़ से उसके पिता को बुलाया गया और उसने जो मार्कशीट दी है, उसमें लड़की की उम्र 18 साल 8 महीने है।
मुरार थाना टीआई अजय पवार का कहना था कि घटना के बाद पुलिस थाने पहुंची पीड़िता ने खुद को नाबालिग बताते हुए अपनी आयु 15 साल बताई थी। जिस पर पुलिस ने पॉक्सो एक्ट की भी धारा लगाई, लेकिन आधार कार्ड पर उम्र 13 साल है। जब बिजौली के विजयगढ़ से उसके पिता को बुलाया गया और उसने जो मार्कशीट दी है, उसमें लड़की की उम्र 18 साल 8 महीने है।
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,09 Nov'24 For the first time in two and a half…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,27 Oct'24 October has marked a record- breaking month for foreign…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,23'Oct'24 The International Monetary Fund (IMF) has reaffirmed its positive outlook…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,23 Oct'24 A reduction in Goods and Services Tax (GST) could…
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के समीप औद्योगिक क्षेत्र के बंद फैक्ट्री में एमडी ड्रग्स…
संयुक्त कार्रवाई में 1814 करोड़ का MD ज़ब्त, तीन आरोपी गिरफ्तार, देश भर में नशे…