Categories: ख़बरे

पति की मृत्यु के बाद पत्नी ने जीती न्याय की लड़ाई, शासन की इकरफा कार्रवाई के सदमें में गई जान

उच्च न्यायालय ने माना-कलेक्टर की कार्रवाई इकतरफा, 10 हजार रुपए का हर्जाना तय

ग्वालियर, 01 जुलाई। उच्च न्यायालय ग्वालियर खण्डपीठ ने एक सहकारिता निरीक्षक के विरुद्द तत्कालीन कलेक्टर द्वारा की गई कार्रवाई को नियम विरुद्ध माना है। न्यायालय ने सरकार को इसके लिए 10 हजार रुपए का अर्थदण्ड भी जमा कराने का निर्देश दिया है। मामले में दुखद पहलू यह है कि सहकारिता निरीक्षक को न्याय मिलने में 7 साल लगे, तब तक इकतरफा कार्रवाई के सदमें डूबे निरीक्षक की मृत्यु हो गई। पति के लिए न्याय की लड़ाई पत्नी नीलिमा शर्मा ने लड़ी। न्यायालय ने सरकार को निर्देश दिया है कि जुर्माने की राशि नीलिमा शर्मा को एक सप्ताह के भीतर ट्रांसफर करे।

राजकुमार शर्मा सहकारिता विभाग में  निरीक्षक थे। उन्हें 2014 में डबरा नगरपालिका परिषद के चुनाव में पीठासीन अधिकारी बना कर भेजा गया था। इस दौरान कलेक्टर का मतदान केंद्र पर औचक निरीक्षण हुआ जिसमें कुछ गड़बड़ी मिली। तत्कालीन कलेक्टर ने सहकारिता निरीक्षक राजकुमार शर्मा की दो वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने के आदेश दिए थे।

नहीं दिया था सफाई का मौका, इकतरफा कार्रवाई के विरुद्ध ली थी न्यायालय की शरण

लोकसेवक अधिनियम-16 में स्पष्ट प्रावधान है कि वरिष्ठ अधिकारी कोई अपने अधीनस्थ कर्मचारी के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई करने से पूर्व उसके पक्ष को भी सुना जाना आवश्यक है। इस मामले में राजकुमार शर्मा का पक्ष जाने बगैर कलेक्टर ने इकतरफा आदेश जारी कर दिए थे। इसे लेकर सहकारिता निरीक्षक राजकुमार शर्मा ने 2014 में ही याचिका मध्यप्रदेश उच्चन्यायालय में दायर की थी। न्यायालयीन सुनवाइयों के दौरान न्यायालय ने कलेक्टर की कार्रवाई पर स्थगनादेश भी जारी किया था, लेकिन मामला न्यायालय में लंबित रहा। न्याय व सम्मान के लिए इस लंबी लड़ाई के दौरान सदमे में डूबे राजकुमार शर्मा 18 जून 2020 को रिटायर्ड हुए औऱ उनकी मृत्यु भी हो गई। इसके बाद सहकारिता निरीक्षक राजकुमार शर्मा की पत्नी नीलिमा शर्मा पक्षकार बनीं और पति की लड़ाई को जारी ऱखा। पीड़ित के अधिवक्ता राघवेंद्र दीक्षित ने बताया कि अंततः न्यायालय ने स्वीकार किया कि तत्कालीन कलेक्टर ने नियम विरुद्ध आदेश पारित किया था जो लोकसेवा आचरण अधिनियम की धारा-16 का स्पष्ट रूप से उल्लंघन था। एजवोकेट दीक्षित के अनुसार न्यायालय ने कलेक्टर की कार्रवाई को निरस्त कर सरकार को ₹10 हजार का हर्जाना पीड़ित पक्ष यानी सहकारिता निरीक्षक की पत्नी नीलिमा शर्मा को देने के आदेश जारी किए हैं।

gudakesh.tomar@gmail.com

Recent Posts

साबुन के नाम पर फैक्ट्री में बन रहा नशीला ड्रग, किराये पर देने वाला गिरफ्तार

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के समीप औद्योगिक क्षेत्र के बंद फैक्ट्री में एमडी ड्रग्स…

2 weeks ago

भारत विश्व गुरु के रूप में शिक्षक परंपरा को स्थापित करना चाहता है : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शिक्षा भूषण अखिल भारतीय सम्मान समारोह को किया संबोधित भोपाल। मुख्यमंत्री…

2 weeks ago

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पद्मश्री अवार्डी श्रीमती दुर्गाबाई से की भेंट, दिलाई भाजपा की सदस्यता

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पद्मश्री अवार्डी श्रीमती दुर्गाबाई के कोटरा सुल्तानाबाद स्थित निवास…

2 weeks ago

पंकज आडवाणी ने जीता सिंगापुर ओपन बिलियर्ड्स खिताब, जाडेन ओंग को 5-1 से हराया

सिंगापुर। भारत के स्टार खिलाड़ी पंकज आडवाणी ने सिंगापुर में स्थानीय स्टार जाडेन ओंग को…

2 weeks ago

भारत ने 12 ओवर में बांग्लादेश की उड़ाई धज्जियां, 7 विकेट से जीता पहला टी-20, हार्दिक ने लगाया जीत का छक्का

ग्वालियर। भारत ने तीन मैचों की टी-20 सीरीज के पहले मुकाबले में रविवार को बांग्लादेश…

2 weeks ago