ग्वालियर, 23 जून। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खण्डपीठ ने नाबालिग लड़की की सुपुर्दगी उसकी सौतेली बहनों को दे दी है। न्यायालय ने 14 साल की इस लड़की के बायोलॉजिकल पिता होने का दावा करने वाले की याचिका पर सुनावाई के दौरान दी गई दलीलों को अस्वीकार कर दिया। दरअसल नाबालिग बेटी ने भी सौतेली बहनों के साथ रहने की इच्छा जताई है। सौतेली बहनों ने दावा किया कि याचिकाकर्ता उनकी नाबालिग बहन का पिता नहीं है, बल्कि बड़ी बहनों को ट्यूशन पढ़ाने के लिए आने वाला शिक्षक उसका पिता है।
रिश्तों की अजब उलझन, पिता नहीं सौतेली बहनों के साथ रहना चाहती है नाबालिग बेटी
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खण्डपीठ में उलझे हुए रिश्तों का अजब मामला प्रस्तुत हुआ। उपनगर ग्वालियर में रहने वाले कमल किशोर ने एक याचिका दायर की थी। कमल किशोर का दावा था कि दिवंगत पत्नी प्रेमलता से इस नाबालिग बेटी की उत्पत्ति हुई है, लेकिन प्रेमलता के पहले पति से उत्पन्न तीन बेटियों ने नाबालिग बेटी को अपने साथ अवैध निरोध में रखा हुआ है।
पिता के साथ रहने तैयार नहीं, सौतेली बहनों को मिली सुपुर्दगी
उच्च न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने इस चौदह साल की नाबालिग लड़की को उसकी तीन सौतेली बहन मोहिनी, चेतना और महिमा के साथ पेश किया था। न्यायालय के समक्ष कमलकिशोर की बेटी ने अपने कथित पिता के साथ जाने से इनकार कर दिया तो न्यायालय ने उसे सौतेली बड़ी बहनों के साथ जाने दिया। कमलकिशोर के अधिवक्ता का कहना है कि लड़की के जैविक पिता होने का सबूत देने के लिए वह न्यायालय में डीएनए टेस्ट कराने की मांग करेंगे। फिलहाल तीन सप्ताह बाद इस मामले पर सुनवाई होगी।
यहां उलझे हैं रिश्तों के धागे
प्रेमलता की शादी श्यामदास से हुई थी, उनकी तीन बेटियां हुईं थी। श्यामदास की मृत्यु के उपरांत प्रेमलता कमल किशोर के साथ लिव-इन में रहने लगी, इस दौरान भी उनकी एक बेटी औऱ हुई। पूर्व पति श्यामदास की बेटियों की शादी कमलकिशोर और प्रेमलता ने कर दी थी। कमलकिशोर का आरोप है कि प्रेमलता-श्यामदास की बेटियों के संदिग्ध चरित्र के बारे में मोहल्ले और रिश्तेदारों में चर्चा है। इसलिए वह अपनी छोटी बेटी को उसकी सौतेली बहनों के साथ नहीं रहने देना चाहता है।
संपति के लिए उलझे रिश्तों के धागे!
चर्चा यह भी है कि प्रेमलता ने मृत्यु से पूर्व अपनी संपत्ति कमल किशोर और उससे उत्पन्न बेटी के नाम कर दी थी। असल झगड़ा इसी संपत्ति के लिए है। कमल किशोर प्रेमलता के अस्थि विसर्जन के लिए हरिद्वार गया था, इसी दौरान नाबालिग बेटी को तीनों बहने अपने साथ ले गईं। तभी से रिश्तों के उलझे हुए धागों में खींचतान हो रही है। कमल किशोर के अधिवक्ता एचके शुक्ला ने बताया कि कमल किशोर का संकल्प है कि बेटी को सौतेली बहनों के चंगुल सं मुक्त कराने वह डीएनए मैच कराएगा, इस संबंध में जल्द ही याचिका दायर की जाएगी।
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