ग्वालियर, 18 मार्च। भिंड के गोहद में जल-सत्याग्रह में शामिल होने आए मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस दिग्गज दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को मुंबई में NIA की जांच को राजनीति प्रेरित बताया। ग्वालियर में संवाद माध्यमों से चर्चा करते हुए दिग्विजय ने आरोप लगाया कि NIA इस वक्त ‘नरेंद्र मोदी इनवेस्टिगेटिव एजेंसी की तरह काम कर रही है, इसलिए नतीजे वही निकाल रही है जो भाजपा चाहती है। दिग्विजय सिंह ने इस दौरान मध्यप्रदेश के CM शिवराज सिंह पर भी निशाना साधा, उन्होंने शिवराज को खनन माफिया का माई-बाप करार दिया और चुटकी ली कि, सैंया भए कोतवाल-अब डर काहे का।
गोहद जल सत्याग्रह में आए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस आंदोलन की तारीफ करते हुए कहा कि जल पर पहला अधिकार पेयजल के लिए होना चाहिए। गोहद रवाना होने से पूर्व दिग्विजय सिंह ने संवाद माध्यमों से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने एंटीलिया केस में हो रही NIA जांच को राजनीतिक जांच बताया। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश में चल रहे खनन माफिया राज पर CM शिवराज पर निशाना साधा। दिगिविजय सिंह ने प्रदेश की भाजपा सरकार को कोरोना के बढ़ने पर आड़े हाथों लिया, और पूछा की सारे नियम भाजपा के आयोजनों में क्यों शिथिल पड़ जाते हैं।
एंटीलिया केस: NIA की जांच के डाइरेक्टर ‘मोदी’
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री औऱ कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने एंटीलिया मामले को जांच पर सवाल का जवाब देते हुए कहा–मैंने शुरू से कहा था कि भाजपा अलग रंग देगी, अगर आप मेरा सोशल मीडिया पर वक्तव्य पढ़ेंगे तो जानेंगे कि मैने कहा था, NIA से जांच कराना मतलब भाजपा से जांच कराना होगा, और वही हुआ, क्योंकि डायरेक्टर वाईसी मोदी हैं। उनका नरेंद्र मोदी जी से निकटतम संबंध है। गुजरात दंगों की जांच हुई वह उन्होंने की, हीरेन पंड्या के मामले में भी उन्होंने जांच की, वहां भी क्लीन चिट मिली। वाईसी मोदी NIA में आए तो बम ब्लास्ट में अपराधी थे, उन पर प्रमाण थे, उनको सबको बरी कर दिया गया है।
प्रदेश में बढ़ते खनन माफिया के संरक्षक CM शिवराज
दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का समूचा परिवार अवैध उत्खनन में जुटा है, यही कारण है कि अवैध उत्खनन नहीं रुक पा रहा है। कोरोना के बढ़ते मामलों की रोकथाम को लेकर सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों पर दिग्विजय सिंह ने सवाल खड़े करते हुए पूछा कि कोरोना बीजेपी की मीटिंग और कार्यक्रमों में नहीं फैलता, बाकी आम लोगों के आयोजनों में ही क्यों फैलता है।
माणक-निष्कासन पर चुप्पी-बोले माणक भाई को ऐसा नहीं बोलना चाहिए था
दिग्विजय समर्थक माने जाने वाले कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता माणक अग्रवाल को नाथूराम गौडसे समर्थक चौरसिया को पार्टी में लेने के प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्णय पर सवाल उठाने के बाद पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। पार्टी के इस फैसले को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के इशारा पर उठाया कदम माना गया है। संवाद माध्यमों ने इस संबंध में दिग्विजय सिंह से सवाल किया तो उनके चेहरे पर खिन्नता के भाव साफ पढ़े जा सकते थे। इस सवाल ने उनकी दुखती रग पर हाथ रख दिया था। जवाब में दिग्विजय अपनी भावनाओं के कड़वे घूंट पी गए और बस इतना ही बोले-मानक भाई को ऐसा नहीं बोलना चाहिए था।