विधानसभा चुनाव: देश के 4 राज्यों व 1 केंद्र शासित प्रदेश में चुनावों का ऐलान, 27 मार्च से 29 अप्रेल तक 8 चरणों में होगा मतदान

नई दिल्ली, 26 फरवरी। देश के चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। चुनाव आयोग ने प्रेस वार्ता में पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में होने वाले चुनावों का विस्तृत कार्यक्रम जारी कर दिया है। देश के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान होने के साथ यहां आदर्श आचार संहिता (मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट) लागू हो जाएगी। 

चुनाव आयोग की घोषणा के मुताबिक असम में तीन चरणों में (27 मार्च, एक अप्रैल और छह अप्रैल), केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में छह अप्रैल को एक ही चरण में मतदान होगा। जबकि पश्चिम बंगाल में चुनाव आठ चरणों में होगा। ज्ञातव्य है कि पांच राज्यों में से असम में भाजपा की सरकार है, पुडुचेरी में पिछले हफ्ते कांग्रेस की सरकार गिरने से वहां राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है। इन चुनावों के दौरान कुल 824 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा। तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी में 2.7 लाख मतदान केंद्रों पर 18.68 करोड़ लोग अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में विधानसभा चुनाव संपन्न होगा। मतगणना सभी विधानसभाओं के लिए एक साथ दो मई को की जाएगी।

पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में चुनाव

पश्चिम बंगाल में इस बार चुनाव 8 चरणों में कराए जा रहे हैं, जबकि पिछले विधानसभा चुनाव सात चरणों में संपन्न कराए गए थे। इस बार पहले चरण का मतदान 27 मार्च को पांच जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर होगा। दूसरे चरण का मतदान एक अप्रैल को चार जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर होगा। तीसरे चरण का चुनाव छह अप्रैल को 31 विधानसभा सीटों पर होगा। चौथे चरण का मतदान 10 अप्रैल को 44 विधानसभा सीटों पर होगा। पांचवें चरण का मतदान 17 अप्रैल को 44 विधानसभा सीटों पर होगा। छठे चरण में 22 अप्रैल को 43 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा। सातवें चरण में 26 अप्रैल को 36 विधानसभा सीटों पर और अंतिम व आठवें चरण में 29 अप्रैल को 35 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा।

केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में चुनाव एक ही चरण में छह अप्रैल को

केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में छह अप्रैल को एक ही चरण में सभी सीटों पर चुनाव होंगे। केरल की खाली पड़ीं मल्लपुरम संसदीय सीट और कन्याकुमारी संसदीय सीटों के लिए भी छह अप्रैल को चुनाव होगा।

असम में तीन चरणों में होगा चुनाव

असम में तीन चरणों में चुनाव होगा। पहले चरण का मतदान 27 मार्च को होगा। नामांकन की अंतिम तारीख नौ मार्च और नामांकन वापसी की अंतिम तारीख 10 मार्च रहेगी। दूसरे चरण का मतदान एक अप्रैल को 39 सीटों पर होगा। नामांकन की अंतिम तारीख 12 मार्च और नामांकन वापसी की अंतिम तारीख 17 मार्च रखी गई है। तीसरे चरण में छह अप्रैल को 40 सीटों पर मतदान होगा। नामांकन की अंतिम तारीख 19 मार्च और नामांकन वापसी 22 मार्च तक होगी।

बढ़ाई गई है मतदान केंद्रों की संख्या

अरोड़ा ने जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से सभी राज्यों में लगभग 30 फीसदी मतदान केंद्र बढ़ा दिए गए हैं। चुनावों के दौरान कुल 824 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी में 2.7 लाख मतदान केंद्रों पर 18.68 करोड़ लोग अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। संवेदनशील केंद्रों पर वेब-कास्टिंग की व्यवस्था की जाएगी।

सभी चुनाव अधिकारियों को लगेगी वैक्सीन

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि सभी चुनाव अधिकारियों को कोरोना वायरस का टीका लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आयोग के अधिकारियों को चुनाव से पहले वैक्सीन लगाई जाएगी और इस दौरान कोरोना दिशानिर्देशों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा।

मतदान का समय एक घंटा अधिक रहेगा, डोर-टू-डोर प्रचार की इजाजत

सुनील अरोड़ा ने कहा कि उम्मीदवार को प्रचार के लिए डोर टू डोर कैंपेन की इजाजत होगी। लेकिन, इसमें उम्मीदवार को मिलाकर पांच से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव की तरह ही इन चुनावों में भी मतदान का समय एक घंटा अधिक रहेगा। उम्मीदवारों के लिए ऑनलाइन नामांकन की सुविधा होगी। 

सीएपीएफ बल की होगी तैनाती

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनावों के दौरान पर्याप्त सीएपीएफ बल तैनाती सुनिश्चित की जाएगी। सभी महत्वपूर्ण, संवेदनशील मतदान केंद्रों की पहचान की गई है और पर्याप्त संख्या में सीएपीएफ की तैनाती की जाएगी

सीटों का आरक्षण इस प्रकार

सुनील अरोड़ा ने बताया कि असम विधानसभा का कार्यकाल 31 मई को समाप्त हो रहा है। यहां 126 विधानसभा सीट हैं। इनमें अनुसूचित जाति के लिए आठ, अनुसूचित जनजाति के लिए 16 सीटें हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा का कार्यकाल 30 मई को समाप्त होगा, यहां 294 विधानसभा सीट हैं। इनमें अनुसूचित जाति की 68 और अनुसूचित जनजाति की 16 सीट हैं। पुडुचेरी में 140 विधानसभा सीट हैं। इनमें अनुसूचित जाति की 30 और अनुसूचित जनजाति की पांच सीट हैं। इसी प्रकार केरल विधानसभा का कार्यकाल एक जून को पूरा होगा। यहां की 140 विधानसभा सीटों में से अनुसूचित जाति की 14 और अनुसूचित जनजाति की दो सीट हैं। तमिलनाडु विधानसभा में 234 सीटें हैं, इसका कार्यकाल 24 मई 2021 को पूरा होगा। इसमें अनुसूचित जाति की 44 और अनुसूचित जनजाति की दो सीट हैं।

7 लाख केंद्रों पर 18.68 करोड़ लोग मतदाता

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि इन चुनावों के दौरान कुल 824 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी में 2.7 लाख मतदान केंद्रों पर 18.68 करोड़ लोग अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे।

महामारी के बीच चुनाव के लिए कराए पूर्वाभ्यास

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए चुनाव आयोग ने राज्यसभा की 18 सीटों पर चुनाव के लिए ट्रायल शुरू किए थे। इसके बाद बिहार चुनाव की चुनौती आई, यह ईसीआई के लिए यह एक शानदार क्षण था। यह एक लिटमस टेस्ट की तरह सिद्ध हुआ।

कोरोना योद्धाओं को अरोड़ा ने धन्यवाद कहा

सुनील अरोड़ा ने कहा कि कोविड योद्धाओं, चिकित्सकों, पैरामेडिक्स, नर्सों, वैज्ञानिकों और हमारे सभी अधिकारी जो चुनावी ड्यूटी में अग्रिम पंक्ति में तैनात थे, हम उन्हें धन्यवाद कहते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में हुए विधानसभा चुनाव को सफलतापूर्वक सुनिश्चित कराने में इनका अहम योगदान रहा।

मतदाताओं की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम

प्रेस वार्ता में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि कोरोना वायरस चुनौती के बीच चुनावों के लिए हमने मतदाताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाए हैं और व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं। 

पुडुचेरी में एक ही चरण में होगे चुनाव

पुडुचेरी में पिछले हफ्ते कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है। इससे पहले यहां वी नारायणसामी के नेतृत्व में कांग्रेस और डीएमके गठबंधन की सरकार थी। इस केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा में 30 सदस्य निर्वाचित होते हैं जबकि तीन नामित किए जाते हैं। विधानसभा भंग होने से पहले यहां कांग्रेस के 15 विधायक थे। वहीं आल इंडिया एनआर कांग्रेस के पास आठ, एआईएडीएमके के पास चार और अन्नाद्रमुक के पास चार सीटें थी। यहां बहुमत के लिए 16 सीटें चाहिए। माना जा रहा है कि पुडुचेरी में एक ही चरण प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। हालांकि पांचों राज्यों की मतगणना एक ही दिन की जाएगी। इस साल चार मई से बोर्ड की परीक्षाएं होनी हैं, इसलिए एक मई से पहले ही चुनाव प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा।

केरल में कुछ ऐसी है दलीय स्थिति

केरल में विधानसभा की 141 सीटे हैं। इसमें से 140 निर्वाचित और एक सीट नामित होती है। वर्तमान में यहां पिनराई विजयन के नेतृत्व में लेफ्ट की सरकार है। यहां सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) के पास 91 विधायक हैं। वहीं यूनाइडेट डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के पास 47, एनडीए के पास एक और केरल जनपक्षम सेक्युलर (केजेएस) के पास एक सीट है।

असम की राजनीतिक स्थिति

असम में विधानसभा की 126 सीट हैं। इसमें सत्तारूढ़ भाजपा के 60 विधायक हैं। वहीं कांग्रेस के पास 26 सीटे हैं। वर्तमान में राज्य का कार्यभार मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल संभाल रहे हैं। गौरतलब है कि 2001 से 15 साल तक कांग्रेस राज्य में सत्ता में रही थी। कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव में भजपा नीत राजग का मुकाबला करने के लिए एआईयूडीएफ, भाकपा, माकपा, भाकपा (एमएल)और आंचलिक गण मोर्चा (एजीएम) के साथ एक महागठबंधन बनाया है। असम में 2016 में हुए विधानसभा चुनाव परिणाम में खंडित जनादेश आया था। किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। कांग्रेस ने 26 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) की झोली में 13 सीटें गई थी। भाजपा 60 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, जबकि उसके सहयोगी दल असम गण परिषद और बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट को क्रमश: 14 और 12 सीटें मिली थी। सत्तारूढ़ गठबंधन को एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन प्राप्त है।

तमिलनाडु में 234 सीटें

तमिलनाडु में विधानसभा की 234 सीटे हैं। इसमें सत्तारूढ़ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मनेत्र कड़घम (एआईएडीएमके) के पास 136 विधायक हैं। वहीं द्रविड़ मुनेत्र कड़घम (डीएमके) के पास 89, कांग्रेस के पास सात और इंडियन मुस्लिम लीग के पास पांच विधायक हैं। वर्तमान में ईडापड्डी पलानीस्वामी राज्य के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाल रहे हैं। तमिलनाडु में मौजूदा सरकार का कार्यकाल मई 2021 को खत्म हो रहा है।

पश्चिम बंगाल में 294 में से 211 पर TMC

पश्चिम बंगाल में विधानसभा की 294 सीटे हैं। इसमें से ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पास 211 विधायक हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 44, लेफ्ट ने 32 तो भारतीय जनता पार्टी ने मात्र तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी। यहां बहुमत के लिए 148 सीटों की जरूरत है। साल 2016 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया था और 211 सीटों पर जीत दर्ज की थी। दूसरे नंबर पर कांग्रेस थी, जो सिर्फ 44 सीटों पर सिमट कर रह गई थी। वहीं, भाजपा के खाते में महज तीन सीटें आई थीं। हालांकि इस साल का मुकाबला सिर्फ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच देखा जा रहा है। 

पश्चिम बंगाल में 8 चरण

पहला चरण
सीटें: 30 (पुरुलिया, बांकुड़ा, झाड़ग्राम, पश्चिम मेदिनीपुर, पूर्वी मेदिनीपुर)
अधिसूचना: 2 मार्च, नामांकन: 9 मार्च, स्क्रूटनी: 10 मार्च, नाम वापसी: 12 मार्च,
वोटिंग: 27 मार्च, और काउंटिंग: 2 मई

दूसरा चरण
सीटें: 30 (बांकुड़ा, पश्चिमी मेदिनीपुर, पूर्वी मेदिनीपुर, दक्षिण-24 परगना)
अधिसूचना: 5 मार्च, नामांकन: 12 मार्च, स्क्रूटनी: 15 मार्च, नाम वापसी: 17 मार्च, वोटिंग: 1 अप्रैल

तीसरा चरण

सीटें: 31, अधिसूचना: 12 मार्च, नामांकन: 19 मार्च, स्क्रूटनी: 20 मार्च, नाम वापसी: 22 मार्च, वोटिंग: 6 अप्रैल

चौथा चरण
सीटें: 44, अधिसूचना: 16 मार्च, नामांकन: 23 मार्च, स्क्रूटनी: 24 मार्च, नाम वापसी: 26 मार्च, वोटिंग: 10 अप्रैल

पांचवां चरण
सीटें: 45, अधिसूचना: 23 मार्च, नामांकन: 30 मार्च, स्क्रूटनी: 31 मार्च, नाम वापसी: 3 अप्रैल,  वोटिंग: 17 अप्रैल

छठा चरण
सीटें: 43, अधिसूचना: 26 मार्च, नामांकन: 3 अप्रैल, स्क्रूटनी: 5 अप्रैल, नाम वापसी: 7 अप्रैल, वोटिंग: 22 अप्रैल

सातवां चरण
सीटें: 36, अधिसूचना: 31 मार्च, नामांकन: 7 अप्रैल, स्क्रूटनी: 8 अप्रैल, नाम वापसी: 12 अप्रैल, वोटिंग: 26 अप्रैल

आठवां चरण
सीटें: 35, अधिसूचना: 31 मार्च, नामांकन: 7 अप्रैल, स्क्रूटनी: 8 अप्रैल, नाम वापसी: 12 अप्रैल, वोटिंग: 29 अप्रैल

असम: 3 चरणों में चुनाव

पहला चरण

सीटें: 47, अधिसूचना: 2 मार्च, नामांकन: 9 मार्च, स्क्रूटनी: 10 मार्च, नाम वापसी: 12 मार्च, वोटिंग: 27 मार्च

दूसरा चरण
सीटें: 39, अधिसूचना: 5 मार्च, नामांकन: 10 मार्च, स्क्रूटनी: 16 मार्च, नाम वापसी: 17 मार्च, वोटिंग: 1 अप्रैल

तीसरा चरण
सीटें: 40, अधिसूचना: 12 मार्च, नामांकन: 19 मार्च, स्क्रूटनी: 20 मार्च, नाम वापसी: 22 मार्च, वोटिंग: 6 अप्रैल

केरल: एक चरण में चुनाव
अधिसूचना: 12 मार्च, नामांकन: 19 मार्च, स्क्रूटनी: 20 मार्च, नाम वापसी: 22 मार्च,  वोटिंग: 6 अप्रैल

तमिलनाडु: एक चरण होगा
अधिसूचना: 12 मार्च, नामांकन: 19 मार्च, स्क्रूटनी: 20 मार्च, नाम वापसी: 22 मार्च, वोटिंग: 6 अप्रैल

पुडुचेरी का एक चरण-शेड्यूल
अधिसूचना: 12 मार्च, नामांकन: 19 मार्च, स्क्रूटनी: 20 मार्च, नाम वापसी: 22 मार्च, वोटिंग: 6 अप्रैल

चु80 साल से ऊपर के बुजुर्ग और दिव्यांगों को पोस्टल वैलेट

चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों, विकलांग लोगों, जरूरी सेवाओं में लगे जिन लोगों की स्थानीय चुनाव अधिकारी पहचान करेंगे, वे पोस्ट बैलट से मतदान कर सकेंगे। सभी चुनाव अधिकारियों का कोरोना वैक्सीनेशन होगा। वोट डालने का समय 1 घंटा ज्यादा होगा। अरोड़ा के मुताबिक 5 राज्यों में 824 विधानसभा सीटें हैं। इनके लिए इस बार 18.68 करोड़ वोटर हैं और 2.7 लाख मतदान केंद्र होंगे।

अरोड़ा ने कहा, ‘पिछले साल जब पूरी दुनिया कोरोना से जूझ रही थी, तब दुनियाभर के चुनाव आयोगों के सामने चुनाव कराना चुनौती थी। कई देशों ने ऐसे हालात में भी हिम्मत दिखाई और कुछ बदलाव और एहतियात बरतते हुए चुनाव कराए। चुनाव आयोग ने राज्यसभा की 18 सीटों पर जून 2020 में चुनाव कराकर शुरुआत की। हमारे लिए बड़ी चुनौती बिहार थी। वहां 7.3 करोड़ वोटर थे। यह हमारे लिए अग्निपरीक्षा थी।’ मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, ‘मुझे यह बताते हुए खुशी है कि बिहार के वोटरों ने भी भरोसा दिखाया और चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लिया। बिहार में कई अधिकारियों को कोरोना था, इसके बावजूद वे चुनाव तैयारियों को देखते रहे। आपको जानकर खुशी होगी कि बिहार में वोटिंग में 57.3% वोटिंग हुई जो पिछले विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव से भी ज्यादा थी।’

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा का आखिरी चुनाव

बतौर चुनाव आयुक्त 11 चुनाव और बतौर मुख्य चुनाव आयुक्त 14 चुनाव देख चुके अरोड़ा 30 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं। उन्होंने एक शेर भी पढ़ा- किसी से हमसुखन होता नहीं महफिल में परवाना, उन्हें बातें नहीं आती, जो अपना काम करते हैं।

चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले राज्यों की सौगात
चुनाव की तारीखों के ऐलान से ठीक पहले पुडुचेरी में पेट्रोल-डीजल सस्ता किया गया है। उपराज्यपाल ने पेट्रोल-डीजल पर वैट 2% घटाने का ऐलान किया है। इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी डेली वेज वर्कर्स की मजदूरी में बढ़ोतरी कर दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि वेस्ट बंगाल अर्बन एम्प्लॉयमेंट स्कीम के तहत डेली वेज वर्कर्स की मजदूरी बढ़ा दी गई है। अनस्किल्ड लेबर के लिए इसे 144 से बढ़ाकर 202 रुपए किया गया है। सेमी स्किल्ड वर्कर को 172 के बजाय 303 रुपए मिलेंगे। स्किल्ड लेबर की नई कैटेगिरी बनाई गई है। उन्हें 404 रुपए मिलेंगे। कुल 56,500 वर्कर्स को इससे फायदा मिलेगा।

gudakesh.tomar@gmail.com

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