‘टूल-किट’ एडिटर दिशा रवि की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित, मंगलवार को फिर सुनवाई

नई दिल्ली, 20 फरवरी। टूलकिट मामले में गिरफ्तार हुईं दिशा रवि की जमानत याचिका पर शनिवार को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई। एडिशनल सेशन जज धर्मेंद्र राणा की बेंच ने मामले में सुनवाई करते हुए पैसला सुरक्षित रखा है। बेंच ने अगली सुनवाई मंगलवार 23 फरवरी को तय की है। जमानत याचिका पर अगली सुनवाई मंगलवार को….

ज्ञातव्य है कि स्वीडन की ग्रेटा थर्नबर्ग के किसान आंदोलन समर्थक ट्वीट में अटैचमेंट के तौर पर इस संगठन की रणनीतिक टूलकिट लीक हो गई थी। इससे उजागर हुआ था कि किसान आदोलन समेत लालकिले पर उपद्रव भी पूर्व नियोजित था। आगे की छानबीन में दिशा रवि, शांतनु मुकुल और निकिता जैकब के नाम सामने आए थे। इन तीनों पर आरोप है कि ग्रेटा थर्नबर्ग को भेजी गई टूलकिट इन्होंने ही मिलकर बाई औऱ एडिट की थी।

दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत से कहा कि यह महज एक ‘टूलकिट’ नहीं था, इनकी असली रणनीति भारत को बदनाम करने और यहां अशांति पैदा करने की थी। पुलिस प्रतिनिधि का तर्क था कि दिशा रवि ने WhatsApp पर हुई बातचीत मिटा दी, क्योंकि वह कानूनी कार्रवाई से अवगत थी। अपने बचाव में दिशा रवि के वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि मेरी पक्षकार दिशा रवि का खालिस्तान से कोई संबंध नहीं है। उसका सिख फॉर जस्टिस(SFJ) या पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन (पीजेएफ) से भी कोई संबंध नहीं है। 

पुलिस ने अदालत को बताया कि पूछताछ के दौरान दिशा ने पूरी साजिश के लिए निकिता और शांतनु को जिम्मेदार ठहराया है, ऐसे में सभी आरोपितों को एक-दूसरे के सामने लाकर साथ पूछताछ करना बेहद जरूरी है।  अदालत ने मामले पर फैसला सुरक्षित रखते हुए 23 फरवरी को अगली सुनवाई तय की है।

जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान पटियाला हाउस कोर्ट ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से पूछा कि टूलकिट मामले में अभी तक आपने क्या सबूत जुटाए हैं। दिल्ली पुलिस ने जवाब देते हुए कहा कि जांच जारी है। ज्ञातव्य है कि आरोपी दिशा रवि ने सबसे दिल्ली उच्च न्यायालय का में एक याचिका दायर करते हुए दिल्ली पुलिस को यह निर्देश देने की अपील की थी कि वह जांच सामग्री मीडिया में लीक न करें।

दिशा के वकील अभिनव सेखरी ने कहा था कि वह याचिका को उच्च न्यायालय में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाने का इंतजार कर रहे हैं और इसके बाद ही इस पर कोई टिप्पणी करेंगे। याचिका में कुछ संवाद मध्यमों को उनके और तीसरे पक्ष के बीच WhatsApp पर मौजूद किसी भी कथित निजी वार्तालाप की सामग्री या अन्य कंटेट प्रकाशित करने से रोकने का भी अनुरोध किया गया है।

टूलकिट मामले में गिरफ्तार 22 वर्षीय पर्यावरण एक्टिविस्ट दिशा रवि की याचिका पर सुनवाई के दौरान जवाब देते हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया था कि दिल्ली पुलिस ने उनकी एफआईआर के संबंध में कोई जानकारी संवाद माध्यमों को लीक नहीं की है।

gudakesh.tomar@gmail.com

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