केंद्रीय बजट 2021: जानिए सब कुछ–क्या महंगा, क्या सस्ता, किसको क्या मिला, देश पर क्या होगा असर

ख़बर ख़बरों की डेस्क, 01 फरवरी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय सत्र 2021-22 के लिए सोमवार को संसद में आम बजट पेश किया है। COVID-19 के क़हर के बाद पेश इस बजट को संकट मोचक के तौर पर पेश किया गया है। पूरी तरह डिजिटली पेश किए गए इस बजट में स्वास्थ्य और विनिवेश का बंपर ऐलान किया गया है। हालांकि बजट-21 में नौकरीपेशा के लिए अलग से कोई घोषणा नहीं की गई है। वैश्विक महामारी के दौर 75 वर्ष से ज्यादा आयु के बुजुर्ग पेंशनरों को  इनकम टैक्स फाइल करने की अनिवार्यता से मुक्ति दी गई है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजटः21-22 से उम्मीद जा रही थी कि स्वास्थ्य क्षेत्र में कुछ ख़ास मिलेगा। हालांकि मोदी सरकार ने कोरोना को देखते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट में अच्छी खासी बढ़ोतरी की है और एक खास आत्मनिर्भर स्वास्थ्य योजना का तोहफा देश के लोगों को दिया। इसके अलावा बजट में खास ध्यान देश के असली अन्नदाता को खुश कर पर भी दिया गया है। डीजल-पेट्रोल पर कृषि-सेस लगाकर किसानों लिए धन की व्यवस्था की गई है, लेकिन उपभोक्ता पर अतिरिक्त बोझ न पड़े इसके लिए कस्टम-ड्यूटी कर दामों को थामने की व्यवस्था भी की गई है।  

शेयर बाजार में उछाल

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बजट पेश किया। शेयर बाजार को बजट 2021-22 पसंद आया। बजट के दिन बाजार बहुत भारी उछाल के साथ बंद हुआ। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 2314.84 अंक 5.00 फीसद तेजी के साथ 48,600.61 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 646.60 अंक 4.74 फीसद की तेजी के साथ 14,281.20 पर बंद हुए। निफ्टी के 50 शेयरों में से 45 शेयर हरे निशान और 5 शेयर लाल निशान में बंद हुए। आज सबसे ज्यादा उछाल बैंकिंग के शेयरों में देखा गया। कारोबार के दौरान सेंसेक्स ने एक वक्त 48,764.40 के स्तर को छू लिया। बाजार बंद होने से थोड़ी देर पहले सेंसेक्स में 2441.86 अंको का उछाल देखा गया।

किसानों की आमदनी दोगुना करने बजट में 16.5 लाख करोड़ के कृषि ऋण

निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण स्वास्थ्य और विनिवेश के अलावा किसानों की आय को दोगुना करने का संकल्प एक बार फिर से दोहराया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने पर कायम है। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि हमने किसानों को लागत से डेढ़ गुना ज्यादा देने का प्रयास किया है। किसानों को 75 हजार करोड़ से ज्यादा दिए और डेढ़ गुना एमएसपी दी गई है। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने किसानों से सरकारी खरीद पर जोर किसानों को दिए जाने वाले भुगतान में तेजी लाने और किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। 

  • किसानों को गेहूं के लिए 75060 करोड़ रुपए आवंटित।
  • 2021 में धान खरीदी के लिए 1 लाख 72 हजार 752 करोड़ रुपए का आवंटन।
  • 2021-22 में एग्रीकल्चर क्रेडिट टारगेट 16.5 लाख करोड़ का है। ऑपरेशन ग्रीन स्कीम में जल्द खराब होने वाली 22 फसलों को शामिल किया जाएगा।
  • ग्रामीण इन्फ्रा फंड के लिए 40 हजार करोड़ की घोषणा।
  • E-Nam के लिए 1 हजार नई मंडियां, फॉर्म क्रेडिट लक्ष्य।
  • 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य।
  • किसानों के लिए कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड का एलान।
  • एमएसपी पर खरीद जारी रहेगी, देश में 5 बड़े फिशिंग हब बनेंगे। ये कोच्चि, चेन्नई, विशाखापट्टनम, पारादीप और पेटुआघाट जैसे शहरों में होंगे।
  • बंगाल में चाय मजदूरों के लिए 1 हजार करोड़। तमिलनाडु में मल्टीपर्पज सी-विड पार्क बनेगा।

स्‍वास्‍थ्‍य एवं खुशहाली

  • स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी बुनियादी ढांचागत सुविधाओं में निवेश में उल्‍लेखनीय वृद्धि की गई है और वर्ष 2020-21 के बजट अनुमान में स्‍वास्‍थ्‍य एवं खुशहाली के लिए बजट परिव्‍यय 2,23,846 करोड़ रुपये का है, जबकि इस साल का बजट अनुमान 94,452 करोड रुपये का है, जो 137 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
  • वित्‍त मंत्री ने घोषणा की कि 6 वर्षों में लगभग 64,180 करोड़ रुपये के परिव्‍यय वाली एक नई केन्‍द्र प्रायोजित स्‍कीम ‘पीएम आत्‍मनिर्भर स्‍वस्‍थ भारत योजना’ का शुभारंभ किया जाएगा। इससे प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक स्‍वास्‍थ्‍य प्रणालियों की क्षमता विकसित होगी, मौजूदा राष्‍ट्रीय संस्‍थान मजबूत होंगे, और नये संस्‍थानों का सृजन होगा, जिससे नई और उभरती बीमारियों की पहचान एवं इलाज करने में आसानी होगी। यह राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के अतिरिक्‍त होगा।

इनकम टैक्स स्लैब या टैक्स रेट में कोई बदलाव नहीं

  • बजट में न तो पुराने टैक्स ढांचे में कुछ बदला है, न नए में। बस 75 साल से ज्यादा के बुजुर्गों को कुछ राहत मिली है। अगर उनकी कमाई सिर्फ पेंशन और ब्याज से हो रही है, तो उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरना होगा।
  • हालांकि टैक्स कंप्लायंस आसान किया गया है।

ऑटो पार्ट्स पर ड्यूटी बढ़ी, गाड़ी खरीदना महंगा होगा

  • कुछ ऑटो पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 15% की गई है। इससे गाड़ियां महंगी हो सकती हैं। पेट्रोल पर 2.5 रुपए और डीजल पर 4 रुपए प्रति लीटर एग्री सेस लगा है। सोना-चांदी पर भी 2.5% एग्री सेस लगाया गया है, हालांकि इस पर इंपोर्ट ड्यूटी 12.5% से घटाकर 7.5% कर दी गई है। इंपोर्टेड सेब, काबुली चना, मटर और मसूर पर भी सेस लगा है। हालांकि बजट में कहा गया है कि इन पर सेस से खरीदारों पर अतिरिक्त बोझ नहीं बढ़ेगा।

कोरोना वैक्सीन के लिए अलग फंड

  • देशभर में कोरोना वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपए का फंड रखा गया है। देश में 75 हजार नेशनल हेल्थ सेंटर बनेंगे। 602 जिलों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल शुरू किए जाएंगे।

होम लोन के ब्याज पर एक्स्ट्रा छूट और एक साल

  • किफायती घरों के लिए होम लोन के ब्याज पर 1.5 लाख रुपए की एक्स्ट्रा छूट और एक साल के लिए बढ़ा दी गई है। यह पहले से मिल रही 2 लाख रुपए की छूट के अलावा है। इसे 2019 में लागू किया गया था। पिछले साल भी इसे एक साल के लिए बढ़ाया गया था। डेवलपर्स को किफायती घरों के प्रॉफिट पर मिलने वाली टैक्स छूट भी एक साल के लिए बढ़ाई गई है।

सरकारी खर्च बढ़ने से मिलेगा रोजगार

  • नौकरी ढूंढ़ने वाले युवाओं के लिए बजट में कोई अलग घोषणा नहीं है। हालांकि नए प्रोजेक्ट पर सरकारी खर्च 4.39 लाख करोड़ से 34.5% बढ़ाकर 5.54 लाख करोड़ रुपए किया गया है, इससे नए रोजगार निकलेंगे। कई हाइवे प्रोजेक्ट की भी घोषणा की गई है, यहां भी लोगों को काम मिलेगा। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म वर्कर्स और कंस्ट्रक्शन वर्कर्स के लिए नया पोर्टल बनेगा। इस पर उनसे जुड़ी जानकारियां उपलब्ध होंगी। इससे उन्हें सोशल सिक्युरिटी बेनिफिट देने में आसानी होगी।
  • हजार स्कूल आदर्श स्कूल बनेंगे
  • उच्च शिक्षा आयोग का गठन होगा। 15 हजार स्कूलों को आदर्श स्कूल बनाया जाएगा। 100 से ज्यादा सैनिक स्कूल खोले जाएंगे। लेह में सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनेगी। आदिवासी इलाकों में 750 एकलव्य स्कूल खुलेंगे। इसके लिए 38 करोड़ रुपए खर्च होंगे। शिक्षा का कुल बजट 85,089 करोड़ से बढ़ाकर 93,224 करोड़ रुपया किया गया है।

कृषि कर्ज का लक्ष्य 10% बढ़ा

  • 2021-22 में खेती के लिए 16.5 लाख करोड़ का कर्ज दिया जाएगा। मौजूदा साल में यह 15 लाख करोड़ था। हालांकि किसान आंदोलन को देखते हुए ज्यादा की उम्मीद की जा रही थी। ऑपरेशन ग्रीन स्कीम में जल्द खराब होने वाली 22 फसलें शामिल की जाएंगी। कोच्चि, चेन्नई, विशाखापट्‌टनम, पारादीप और पेटुआघाट जैसे शहरों में 5 बड़े फिशिंग हार्बर बनेंगे। 1,000 और मंडियों में इलेक्ट्रॉनिक तरीके से कारोबार होगा।

एक करोड़ घरों के लिए उज्जवला स्कीम

  • उज्जवला स्कीम के तहत और एक करोड़ घरों में रसोई गैस सिलिंडर का कनेक्शन दिया जाएगा। यह कनेक्शन महिलाओं के नाम पर ही होता है।
  • 10. पांच साल में 2.86 करोड़ घरों में नल से पानी मिलेगा
  • शहरी जल जीवन मिशन के लिए 2.87 लाख करोड़ रुपए रखे गए हैं। हालांकि ये अगले 5 साल में खर्च होंगे। इस मिशन का मकसद सभी 4,378 शहरी निकायों में घर-घर तक नल के जरिए पानी पहुंचाना है। इससे 2.86 करोड़ घरों में नल लगेगा।
  • कचरा प्रबंधन के लिए भी 1.78 लाख करोड़ दिए गए हैं, जो 5 साल में खर्च होंगे। अगले 3 साल में 100 जिलों में पाइपलाइन से गैस की सप्लाई होगी। 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले 42 शहरों में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 2,217 करोड़ रुपए दिए गए हैं।

गांवों में इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 40 हजार करोड़

  • एक देश-एक राशन कार्ड को 32 राज्यों में लागू किया गया है। 86% लोगों को इसमें कवर किया जा चुका है। गांवों में इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के लिए 40 हजार करोड़ रुपए दिए गए हैं।
  • 12. चुनावी राज्यों के लिए अलग सौगात, दक्षिण के राज्यों को तरजीह
  • चुनावी राज्यों में पुद्दुचेरी को छोड़कर बाकी सबके लिए अलग घोषणाएं की गई हैं। लेकिन तरजीह दक्षिण के राज्यों को दी गई है। तमिलनाडु में 1.03 लाख करोड़ रुपए की लागत से 3,500 किलोमीटर लंबा हाईवे बनेगा। केरल में 1,100 किमी नेशनल हाईवे के लिए 65,000 करोड़ दिए गए हैं। असम में 1,300 किलोमीटर हाईवे के लिए 34,000 करोड़ का प्रोविजन किया गया है। सबसे ज्यादा चर्चा वाले राज्य पश्चिम बंगाल के लिए 25,000 करोड़ रुपए की लागत से 675 किलोमीटर हाईवे बनाने का प्रोविजन है। असम और पश्चिम बंगाल के टी-वर्कर्स के लिए 1,000 करोड़ रुपए दिए गए हैं।

इंश्योरेंस सेक्टर के लिए, 74% विदेशी निवेश की इजाजत

  • इंश्योरेंस में FDI की सीमा 49% से बढ़ाकर 74% की गई है। पहली बार विदेशी ओनरशिप की भी इजाजत दी गई है। 2021-22 में एक सरकारी बीमा कंपनी और दो सरकारी बैंकों का निजीकरण किया जाएगा। हालांकि वित्त मंत्री ने इनके नाम नहीं बताए। अगले साल LIC का भी आईपीओ लाया जाएगा। विनिवेश के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया है। 2020-21 के लिए 2.1 लाख का टार्गेट था, जिसे रिवाइज करके 32,000 करोड़ किया गया है।

बीस करोड़ तक टर्नओवर वाली कंपनी छोटी कहलाएगी

  • छोटी कंपनी की परिभाषा बदलेगी। अभी तक 50 लाख रुपए तक निवेश और दो करोड़ रुपए तक सालाना टर्नओवर वाली कंपनी छोटी कहलाती थी। अब 2 करोड़ तक निवेश और 20 करोड़ तक टर्नओवर वाली कंपनी छोटी कंपनी होगी। इससे छोटी कंपनियों को कर्ज पर ब्याज आदि में जो छूट मिलती है, वह इन्हें मिल सकेगी। MSME के लिए 15,700 करोड़ रुपये का प्रोविजन किया गया है। यह पिछले साल से दोगुना है।

पुरानी गाड़ियों के लिए स्क्रैप पॉलिसी आएगी

  • पुराने वाहनों के लिए नई स्क्रैप पॉलिसी आएगी। इसके तहत 15 साल पुराने कमर्शियल और 20 साल पुराने निजी वाहनों का फिटनेस टेस्ट होगा। PLI स्कीम के लिए 5 साल में 1.97 लाख करोड़ रुपए दिए जाएंगे। मोबाइल फोन में इस्तेमाल होने वाले प्रिंटेड सर्किट बोर्ड समेत कई पार्ट्स पर अभी तक कस्टम ड्यूटी नहीं लगती थी। इन पर 2.5% ड्यूटी लगाई गई है। फ्रिज और एसी के कंप्रेसर पर भी ड्यूटी 12.5% से बढ़ाकर 15% की गई है। इससे देश में इनकी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा।

इंफ्रास्ट्रक्चर की फाइनेंसिंग के लिए अलग संस्थान

  • रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के लिए और इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाए जाएंगे। नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन स्कीम में 565 नए प्रोजेक्ट जोड़े गए हैं। इस स्कीम में अब 7,400 प्रोजेक्ट हो गए हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर की फाइनेंसिंग के लिए डेवलपमेंट फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन बनेगा। इसकी पूंजी 20,000 करोड़ रुपए होगी। यह 5 लाख करोड़ रुपए तक के कर्ज दे सकेगा।

2023 तक रेल लाइनों का 100% इलेक्ट्रिफिकेशन

  • 1.10 लाख करोड़ रुपए रेलवे को दिए गए हैं। इसमें 1.07 लाख करोड़ रुपए नए प्रोजेक्ट के लिए हैं।​​​​​​ जून 2022 तक ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर तैयार हो जाएगा। दिसंबर 2023 तक सभी ब्रॉड गेज लाइनों का इलेक्ट्रिफिकेशन किया जाएगा।

पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए 11 हजार करोड़ रुपए

  • परिवहन मंत्रालय के लिए 1.08 लाख करोड़ रुपए रखे गए हैं। पब्लिक बस सुविधा पर 18 हजार करोड़ और पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर 11 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे।

रक्षा बजट सिर्फ 0.9% बढ़ाया गया

  • डिफेंस का बजट 1% भी नहीं बढ़ा है। इसे 3.43 लाख करोड़ से बढ़ाकर सिर्फ 3.47 लाख करोड़ किया गया है। इसमें हथियार खरीदने के लिए 1.35 लाख करोड़ हैं। पिछले साल हथियारों के लिए 1.13 लाख करोड़ दिए गए थे।
  • पहली बार पेपरलेस रहा बजट
  • ये पहला मौका है जब बजट दस्तावेज नहीं छपे। कोरोना की वजह से इस साल बजट की सॉफ्ट कॉपी ही साझा की गई है। बजट के लिए यूनियन बजट नाम का मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया है। इस ऐप पर बजट से जुड़े दस्तावेज मौजूद रहेंगे।

निर्मला सीतारमण का सबसे छोटा बजट भाषण

  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार 1 घंटे 50 मिनट का बजट भाषण दिया। ये निर्मला सीतारमण का अब तक का सबसे छोटा बजट भाषण था। पिछले साल उन्होंने 2 घंटे 41 मिनट का भाषण दिया था। उससे पहले जुलाई 2019 में उनका भाषण 2 घंटे 5 मिनट लंबा था।

रेलवे को 1.10 लाख करोड़ रुपये का आवंटन
वित्तमंत्री निर्माला सीतारमण ने कहा, ”मैं रेलवे के लिए 1,10,055 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड राशि की घोषणा कर रही हूं, जिसमें से 1,07,100 करोड़ रुपये केवल पूंजीगत व्यय के लिए है.” सीतारमण ने कहा, ”भारतीय रेलवे ने भारत-2030 के लिए एक राष्ट्रीय रेल योजना तैयार की है. इस योजना का मकसद 2030 तक रेलवे प्रणाली को भविष्य के लिए तैयार करना है, ताकि उद्योग के लिए लॉजिस्टिक लागत को कम किया जा सके और मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिले.”

ये हुआ महंगाः मोबाइल फोन, मोबाइल के चार्जर, रत्न, जूते, चमड़ा, चना-मसूर दाल, सूती कपड़ा, ऑटो पार्ट्स, लेदर जूता-बैग, इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स, इम्पोर्टेड कपड़े,  LED बल्ब, सोलर इन्वर्टर-लालटेन, फिश फीड, कार्बन ब्लैक, प्लास्टिक प्रोडक्ट, फ्रिज-AC, शराब

ये सस्ता हुआः नायलन (सिंथेटिक फैब्रिक्स) के कपड़े, स्टेनलैस-स्टील के बर्तन, पेंट, ड्राई क्लीनिंग, पॉलिस्टर के कपड़े, सोलर लालटेन सस्ती, सोना-चांदी, बिजली, बीमा, लोहा, पोलियेस्टर, खेती के उपकरण, तांबा-प्लेटिनम, लैदर।

gudakesh.tomar@gmail.com

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