ग्वालियर, 17 जनवरी। शनिवार सुबह कलेक्टोरेट रोड स्थित मेट्रो टावर के पास झाड़ियों में भू-अभिलेख विभाग में सहायक लेखा अधिकारी सूर्या सिंह का शव अधजली स्थिति में मिला। पति डॉ.संजय सिंह ने उसे पहचानने से इनकार कर दिया, जबकि अंगूठी व गले की चैन देखते ही छोटी बहन चीख पड़ी और बताया कि शव उसकी दीदी का है। ज्ञातव्य है कि दर्पण कॉलोनी निवासी पति डॉ.संजय सिंह ने सहायक लेखा अधिकारी सूर्या सिंह की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पति ने नहीं पहचाना, बहन ने दीदी की अंगूठी व चैन देखी तो चीख पड़ी….
ठाटीपुर इलाके के मेट्रो टॉवर में रहने वाले डेंटिस्ट डॉक्टर संजय सिंह बैस ने शुक्रवार देर शाम की लिखाई गुमशुदगी की रिपोर्ट में बताया था कि घर से ऑफिस जाने की कहकर निकली भू-अभिलेख विभाग में पदस्थ सहायक लेखाधिकारी उसकी पत्नी सूर्या सिंह वापस नहीं लौटी है। तलाश में जुटी पुलिस को मेट्रो टॉवर के पास झाड़ियों में अधजला शव पड़ा होने की सूचना शनिवार दोपहर पुलिस को मिली थी। विश्वविद्यालय पुलिस थाने के जांच दल को फोरेंसिक विशेषज्ञ डॉ.अखिलेश भार्गव के साथ मौके पर भेजा गया, टीम को शव के पास एक बोतल और माचिस पड़ी थी। महिला के शरीर का आधा हिस्सा जल चुका था। शिनाख्त के लिए जिले के सभी थानों को सूचना दी गई और गुमशुदाओं के परिजन को बुलाया गया। सूर्या सिंह के पति डॉ.संजय सिंह बैस को भी बुलाया गया, लेकिन उसने पत्नी की पहचान नहीं की। शनिवार शाम सागर से सूर्या सिंह के मायके से पिता, बहन व दूसरे परिजन भी पहुंचे। सूर्या की बहन अनामिका दीदी की अंगूठी और चैन देखते ही पहचान ली और चीख कर रो पड़ी। एसपी अमित सांघी के मुताबिक, मामले में ससुरालीजन पर ही संदेह है।
दीदी के वेतन से चलता था खर्च, सारा काम करके जाती थी कार्यालय, फिर भी मारते थे पति और ननद
सीएसपी यूनिवर्सिटी रत्नेश तोमर ने बताया कि सूर्या और दतिया में पदस्थ डेंटिस्ट डॉ.संजय सिंह बैस की डेढ़ साल पहले शादी हुई थी। मूलत:सागर के मल्हेरा निवासी सूर्या के विवाह में 25 लाख से भी ज्यादा का दहेज दिया गया था, वह पति से ज्यादा वेतन भी पा रही थी, इसके बाद भी दोनों में झगड़ा होता रहता था।
बहन अनामिका ने आरोप लगाया कि शादी के बाद से ही संजय और उसके बहन-बहनोई सूर्या को टॉर्चर करते रहते थे। परिजन का दावा है कि इसके प्रमाणस्वरूप उनके पास कॉल रिकॉर्डिंग आदि उपलब्ध हैं। परिजनों का यह कहना है कि इस मामले में सूर्या की ननद नेहा और उसके पति अयान शर्मा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसलिए उन्हें भी आरोपी बनाया जाना चाहिए। ज्ञातव्य है कि संजय सिंह का शादी बाद से ही पत्नी से अहम का टकराव होने लगा था। वह अक्सर सूर्या से कहता था कि तुम्हारी नौकरी मुझसे अच्छी क्यों है। छोटी बहन अनामिका ने बताया कि सूर्या के वेतन से ही घर का खर्च चलता था। वह दोनों समय का काम भी करती थी औऱ कार्यालय भी जाती थी।
पति ही है हत्यारा! दबाव में लिखाई थी रिपोर्ट,पत्नी को पहचाना भी नहीं
सूर्या की बहन व पिता का आरोप है कि हत्या पति डॉ.संजय ने ही की है, क्योंकि कि वह गुमशुदगी की रिपोर्ट करने भी तैयार नहीं था और पहचान भी नहीं कर रहा था। सायके वालों के दबाव में उसके गुमशुदगी दर्ज कराई थी। छोटी बहन अनामिका ने मांग की है संजय सिंह व उसके बहन-बहनोई को मौत की सजा मिले तभी उन्हें सुकून व सूर्या की आत्मा को शांति मिलेगी।
गाड़ी में घटनास्थल पर लाया गया शव, फिर जलाया
फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ.भार्गव ने बताया कि जिस स्थिति में शव मिला और गर्दन पर निशान मिले, आशंका है कि पहले गला दबाया गया फिर आग लगाई गई। शव के पास किसी गाड़ी के टायर के निशान भी मिले हैं। पेट्रोल की खाली बोतल और माचिस भी मिली है, इससे स्पष्ट है कि हत्या कर शव को मौके पर लाकर पटका गया है, फिर पहचान मिटाने के लिए पेट्रोल उड़ेल कर आग लगाई गई है।