स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार रोजगारमूलक उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने महाकौशल क्षेत्र के उद्यमियों से किया वर्चुअल संवाद

जबलपुर में होने वाली द्वितीय रीजनल इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव के लिए तैयारियां जारी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में उपलब्ध खनिज संपदा तथा अन्य प्राकृतिक संसाधनों की वैल्यू एडिशन के लिए युवाओं को विभिन्न कौशलों का आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के साथ-साथ व्यापार-व्यवसाय के लिए उनके बेहतर लिंकेज की व्यवस्था की जाएगी। इससे व्यवसाय में होने वाला अधिकतम लाभ स्थानीय लोगों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि जबलपुर जिले में 5 विकसित औद्योगिक क्षेत्र और एक विकासाधीन औद्योगिक क्षेत्र 640 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर स्थित है, जिसमें 514 एमएसएमई इकाइयॉ कार्यरत हैं। जबलपुर में विकसित किए गए आई.टी. पार्क में भी रोजगार की बहुत संभावनाएं मौजूद हैं। इसके साथ ही फर्नीचर क्लस्टर, नवीन गारमेंट क्लस्टर, खाद्य प्र-संस्करण आधारित उद्योगों, माइनिंग एंड मिनरल प्रोसेसिंग और फार्मा इकाइयों में भी बहुत संभावनाएं हैं। रीजनल इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव के माध्यम से क्षेत्र के लोग औद्योगिक विकास को मूर्त रूप लेते हुए अपने सामने देख सकेंगे। यह प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी। देश के दूसरे भागों से भी उद्योगपतियों को निवेश और औद्योगिक गतिविधियों के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। प्रदेश में सागर, ग्वालियर, रीवा में भी रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव आयोजित किए जाएंगे।

जबलपुर, कटनी, मंडला, नरसिंहपुर और डिण्डौरी के उद्योगपति संवाद में हुए शामिल

मुख्यमंत्री डॉ. यादव के साथ वर्चुअल संवाद में जबलपुर से महाकौशल चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रवि गुप्ता, फेडरेशन ऑफ म.प्र. चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज के सीनियर वाइस सेक्रेटरी हिमांशु खरे, लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष व्ही.के. नेमा, महाकौशल उद्योग संघ के अध्यक्ष  बी.आर. जैसवानी, कटनी से मप्र लघु उद्योग संघ के सुधीर कुमार मिश्रा, मध्यप्रदेश रिफ्रेक्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद गुगलिया, मंडला से राईस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल वीरानी सहित नरसिंहपुर के सजल अग्रवाल और डिण्डौरी के रमेश राजपाल ने अपने विचार रखे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में महाकौशल क्षेत्र के अन्य उद्योगपति और व्यवसायी भी शामिल हुए।

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