भोपाल। मध्य प्रदेश में हुए फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के मामले में एक नया तथ्य सामने आया है. नर्सिंग काउंसिल द्वारा मध्य प्रदेश के 13 सूटेबल कॉलेजों को मार्कशीट भेजी गई थीं. इन्हें दिए गए पते पर भेजा गया था. लेकिन उन मार्कशीटों को वहां कोई रिसीव करने वाला ही नहीं मिला. इस कारण सारी मार्कशीट वापस आ गई हैं. अब कांग्रेस ने फिर से एक बार इस पूरे मामले को लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं.

 

नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़े में नया खुलासा हुआ है. 13 नर्सिंग कॉलेज अपने पते पर ही नहीं मिले. सवाल उठता है कि कागजों में संचालित हो रहे नर्सिंग कॉलेजों को सीबीआई ने सूटेबल कैसे बता दिया था. हैरानी वाली बात ये है मार्कशीट लेने वाला कोई नहीं मिला. जबकि इनमे से अधिकतर कॉलेज सूटेबल लिस्ट में शामिल हैं. ये हैं एसआर नर्सिंग कॉलेज होशंगाबाद, अमलतास नर्सिंग कॉलेज देवास, संजीवनी नर्सिंग कॉलेज बड़वानी आदि.

 

एनएसयूआई मेडिकल विंग के रवि परमार का कहना है “जीएनएम फर्स्ट ईयर की मार्कशीट नर्सिंग काउंसिल द्वारा स्पीड पोस्टकार्ड से भेजी गई थीं, लेकिन 13 कॉलेजों में कोई जिम्मेदार अधिकारी मिले ही नहीं. जिसके बाद मार्कशीट वापस नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल भोपाल आईं. नर्सिंग काउंसिल की तरफ से कॉलेज के जिम्मेदारों को निर्देश देते हुए जल्द से जल्द भोपाल आकर मार्कशीट कलेक्ट करने को कहा गया है.” रवि परमार ने मार्कशीट कलेक्ट नहीं करने के बाद कई तरह के सवाल खड़े किए हैं.

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