वाशिंगटन। शनिवार को लाल सागर में हूती विद्रोहियों ने एक बार फिर हमला बोला है। भारत आ रहे जहाज पर उन्होंने मिसाइल दागी जिससे जहाज को काफी नुकसान हुआ है। विद्रोहियों ने ही बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है। वे लाल सागर और अदन की खाड़ी के इलाके से गुजरने वाले जहाजों पर बीते कई महीनों से हमले कर रहे हैं।
ब्रिटेन की मेरीटाइम सिक्योरिटी फर्म एंब्रे ने बताया है कि हमले के चलते जहाज को नुकसान हुआ है। एंब्रे ने बताया कि जिस जहाज पर हमला हुआ, उस पर पनामा का झंडा लगा है, लेकिन जहाज का स्वामित्व ब्रिटिश कंपनी के पास है। हालांकि कहा जा रहा है कि इस जहाज को बीते दिनों बेच दिया गया था और अब सेशेल्स की कंपनी के पास इस जहाज का स्वामित्व है। जिस जहाज पर हमला हुआ, वह ऑयल टैंकर है और रूस के प्रिमोर्स्क से भारत के वाडिनार आ रहा था। अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट से गुजरने वाले जहाजों को निशाना बनाने के लिए ही अमेरिका और ब्रिटेन की सेनाओं ने बीते दिनों यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हवाई हमले भी किए थे। हालांकि इसके बावजूद हूती विद्रोहियों के हमले नहीं रुक रहे हैं। भारत ने भी अरब सागर और अदन की खाड़ी में अपनी नौसेना को तैनात किया हुआ है और युद्धक जहाजों से निगरानी भी बढ़ाई है। ईरान समर्थित हूती विद्रोही इस्राइल हमास युद्ध के बाद से ही लाल सागर और अदन की खाड़ी से गुजरने वाले जहाजों को निशाना बना रहे हैं। हूती विद्रोही फलस्तीन के समर्थन में ऐसा कर रहे हैं और पहले हूती विद्रोहियों के निशाने पर इस्राइल से संबंधित जहाज ही होते थे, लेकिन बीते काफी दिनों से अन्य देशों के जहाजों को भी निशाना बनाया जा रहा है। इसके चलते कई शिपिंग कंपनियों ने अपने जहाजों को दक्षिणी अफ्रीका के लंबे रूट से भेजा जा रहा है। इससे माल की ढुलाई की लागत बढ़ गई है और वैश्विक स्तर पर महंगाई भी बढ़ी है।