किसान आंदोलन के चलते 13 जनवरी से था बंद…

चंडीगढ़। हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर पर पिछले कई दिनों से किसानों का जमावड़ा लगा हुआ है। किसान दिल्ली आने की जिद पर अड़े हुए हैं। हालांकि पिछले दी-तीन दिनों से आंदोलन कुछ शांत है और इसी को देखते हुए हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सर्कार ने प्रदेश के सात जिलों में इंटरनेट दोबारा शुरू करने के आदेश दे दिए हैं।

जानकारी के अनुसार, राज्य के कैथल, कुरूक्षेत्र, अंबाला, सिरसा, फतेहाबाद, जींद और हिसार में इंटरनेट दोबारा शुरू कर दिया गया है। इन जिलों में 13 फरवरी से किसान आंदोलन के चलते इंटरनेट बंद था। बता दें कि किसान 13 फरवरी से शंभू बॉर्डर पर डेट हुए हैं। वह यहां से दिल्ली जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन हरियाणा पुलिस ने इन्हें इस बॉर्डर पर रोक रखा है। इस दौरान किसानों और अर्धसैनिक बलों के बीच कई बार झडपें भी हो चुकी हैं, जिसमें पुलिस के जवानों और किसानों की भी मौत हुई है।

आंदोलन के दौरान 2 किसानों की हुई मौत !

दिल्ली जाने की मांग पर अड़े किसानों को रोकने के लिए सुरक्षाबलों को बार-बार आंसू गैस के गोले दागने पड़ रहे हैं। पिछले दिनों हरियाणा पुलिस ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि किसान संगठनों द्वारा आयोजित दिल्ली चलो मार्च के दौरान अंबाल में दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई है। वहीं 30 पुलिसकर्मी इस दौरान घायल हुए हैं। प्रेस रिलीज में अंबाला पुलिस ने उल्लेख किया कि किसानों द्वारा शंभू सीमा पर पुलिस द्वारा लगाए गए अवरोधों को हटाने का लगातार प्रयास किया गया है।

किसान आंदोलन में गई 2 पुलिसकर्मियों की जान !

इस दौरान किसानों द्वारा अधिकारियों पर पथराव किया गया और सार्वजनिक और सरकारी संपत्तियों को नष्ट करने तथा शांति-व्यवस्था में व्यवधान डालने की भी कोशिश की गई। पुलिस ने इसी बाबत कहा कि इस तरह की झड़पों में 30 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। उनमें से एक को ब्रेन हैमरेज हुआ, जबकि दो अन्य की जान चली गई। इन्हीं झड़पों में हरियाणा पुलिस के जीआरपी जवान हीरालाल और हरियाणा पुलिस के ही एसआई कौशल की जान चली गई। प्रेस विज्ञप्ति में पुलिस ने कहा कि व्हाट्सऐप, फेसबुक, टेलीग्राम का इस्तेमाल कर किसानों ने भड़काऊ कंटेंट शेयर किया।

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