वाशिंगटन । अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की पत्नी को कोविड टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया है। प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका की फर्स्ट लेडी जिल बाइडन की सोमवार को कोविड-19 की जांच की गई थी जिसमें वह पॉजिटिव आई हैं। लेकिन वर्तमान में उनमें केवल हल्के लक्षण पाए गए हैं। राष्ट्रपति जो बाइडन की पत्नी के सकारात्मक परीक्षण के बाद वायरस का परीक्षण किया गया, लेकिन उसके परिणाम निगेटिव सामने आए हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने कहा कि राष्ट्रपति नियमित रूप से टेस्ट जारी रखेंगे और लक्षणों के लिए उनकी मॉनीटरिंग की जाएगी। संचार निदेशक एलिजाबेथ अलेक्जेंडर ने कहा कि जिल बाइडन फिलहाल डेलावेयर के रेहोबोथ बीच के घर में रहेंगी। बता दें कि भारत में दुनिया के दिग्गज नेता नई दिल्ली में होने जा रहे जी20 शिखर सम्मेलन में शिरकत करने आ रहे हैं। ऐसे में दुनिया के कई देशों में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। कोविड-19 के एरिस के बाद अब पिरोला वायरस या बीए 2.86 नाम के नये वेरिएंट ने एक बार फिर दुनिया भर में स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल कोरोना के इस नए वेरिएंट को अब तक सामने आए सभी वेरिएंट्स से खतरनाक माना जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक पिरोला वेरिएंट के मामले डेनमार्क, यूके, साउथ अफ्रीका, इजराइल और स्विट्जरलैंड जैसे देशों में मिल चुके हैं। वहीं अमेरिका में एक हफ्ते में कोविड अस्पताल में भर्ती होने वालों के संख्या में 19 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। कोविड से मौतों के मामले में 21 फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज हुई है। एनपीआर की रिपोर्ट के अनुसार रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार एक सप्ताह में 10,000 लोगों को कोविड के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बढ़ते कोविड मामलों को देखते हुए कुछ स्कूलों, अस्पतालों और व्यवसायों के लोगों को फिर से मास्क पहनने के लिए कहा गया है। सीडीसी निदेशक मैंडी कोहेन ने आगाह किया कि जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है, उनके लिए कोविड जोखिम भरा बना हुआ है। जोखिम विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए अधिक है, जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है। वहीं, जिन्हें पहले संक्रमण नहीं हुआ है और जो अधिक उम्र के हैं या स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं, उनके लिए भी खतरा हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिरोला को ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ की कैटेगरी में रखा है। जिसकी वैज्ञानिक लगातार निगरानी कर रहे है।