बीजिंग। चीन के युवाओं में नौकरी अस्थिरता को लेकर संकट गहराता जा रहा है। एक ओर जहां कॉर्पोरेट छंटनी की लहर के चलते देश में बेरोजगारी दर लगातार बढ़ रही है। वहीं शादी नहीं करने से जनसंख्या संकट की आशंका भी बन रही है। हालांकि यहां कठोर कोरोना वायरस प्रतिबंध अब खत्म हो गए हैं लेकिन भविष्य को लेकर अनिश्चितता अभी भी बरकरार है। कई लोगों ने हालिया उथल-पुथल के चलते अपनी जिंदगी से जुड़े कई प्रमुख फैसले टाल दिए हैं। देश की विवाह दर और नीचे चली गई है और जनसांख्यिकीय संकट सरकार के लिए और बड़ी मुसीबत बनता जा रहा है।
पहले ही चीन घटती जन्म-दर की समस्या से जूझ रहा है और उसकी जनसंख्या घट रही है। एक मीडिया रिपोर्ट में टेक वर्कर ग्रेस झांग के बारे में बताया कि झांग लंबे समय से शादी को लेकर दुविधा में थीं। पिछले साल शंघाई में दो महीने उन्होंने लॉकडाउन में बिताए। जैसे-जैसे अन्य शहरों में लॉकडाउन फैलता गया, उनकी आशावाद की भावना कमजोर पड़ गई। पिछले साल दिसंबर में जब चीन फिर से खुला तो 31 साल की झांग ने रिमोट वर्क के लिए शंघाई छोड़ दिया। उन्हें उम्मीद थी कि एक से दूसरे शहर की यात्रा से उनके नजरिए में बदलाव आएगा और जीवन में सकारात्मकता लौटेगी।
अब जब वह संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था में अपने चारों ओर लगातार हो रही छंटनी देख रही हैं तो वह सोचती हैं कि क्या उनकी नौकरी भविष्य में उनके परिवार के लिए सुरक्षित रहेगी। झांग का एक बॉयफ्रेंड है लेकिन पिता की तरफ से बार-बार चेतावनी के बावजूद वह अभी घर बसाने को तैयार नहीं हैं और उनकी शादी की तत्काल कोई योजना नहीं है। चीन में शादियों की संख्या में लगातार नौ वर्षों तक गिरावट आई, जो एक दशक से भी कम समय में आधी हो गई। पिछले महीने जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल लगभग 68 लाख जोड़ों ने शादी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया, जो 1986 में शुरू हुए रिकॉर्ड के बाद से सबसे कम है।