स्मृति शेषः इंदौर की बेटी से सुर-साम्राज्ञी बनने का सफर तय कर अंतिम सफर पर निकलीं आवाज की देवी

भारत की कोयल पंचम सुर पर गाकर अचानक सम पर आकर मौन हो गई है। बसंत ऋतु में आम्रकुंज में गूंज रही कोयल की कूक में हूक का अहसास हो रहा है, शायद उसे भी मालूम है कि संगीत की असली कोयल अब कभी नहीं कूकेगी। युग बीतेंगे, संगीत की पीढ़ियां भी बदलेंगी, लेकिन भारत की सुरीली बेटी की तान की खनक हमेशा संगीत साधकों के लिए कसौटी बनी रहेगी।

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