स्मृति शेषः आखिरी खत में ग्रुप कैप्टेन वरुण सिंह ने लिखा–जरूरी नहीं कि आप असाधारण प्रतिभाशाली हों, बस-जो भी करें पूरे ज़ुनून के साथ

आर्मी-स्कूल के प्राचार्य को भेजे पत्र में उन्होंने एक विद्यार्थी के रूप में अपने जीवन के बारे में विद्यार्थियों को बताया था। उन्होंने लिखा था–औसत दर्जे का होना ठीक है। हर कोई स्कूल में पढ़ने में तेज नहीं होता। हर कोई 90 प्रतिशत स्कोर नहीं कर पाता। यदि आप ऐसा करते हैं तो यह एक अद्भुत उपलब्धि है और इसकी सराहना की जानी चाहिए।

Did you find the information you were looking for on this page?

0 / 400